इन दिनों लोग स्वाइन फ्लू का शिकार हो रहे हैं। खबरें हैं कि आमिर खान और किरण राव स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं। इन दिनों आामिर और उनकी पत्नी घर पर रहकर ही अपना इलाज करा रहे हैं। आमिर की टीम ने बताया है कि उनकी वजह से किरण को भी स्वाइन फ्लू हुआ है। आमिर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ये जानकारी दी कि वे स्वाइन फ्लू के शिकार हो गए हैं। इतना ही नहीं आमिर और किरण राव के बाद अब रिचा चड्डा भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गई हैं। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में महराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आ चुके हैं।
देश में इस साल अब तक स्वाइन फ्लू की वजह से करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो स्वाइन फ्लू से इस साल मार्च तक देश में 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। इससे पीडि़त कुल मामलों की संख्या 33 हजार के आंकड़े को भी पार कर सकती है। राजस्थान और गुजरात इससे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से हैं। एमडी डॉ.अजय सिंह कहते हैं कि स्वाइन फ्लू या एच1एन1 एंफ्लूयन्जा संास प्रणाली का वायरल इंफैक्शन है। लेकिन लक्षणों और रिजल्ट के रूप में ये बेहद खतरनाक होता है। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर इसे रोका जा सकता है।
कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू-
स्वाइन फ्लू आम सर्दी-जुकाम के जैसा होता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले पकना, बुखार, सिर दर्द, कंपकंपी और थकान आदि शामिल हैं। इससे पीड़ित मरीज खांसी या छीक से इसका संक्रमण हवा में फैला सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन संक्रमित बूंदों के संपर्क में या संक्रमित दीवारों, दरवाजों, नलों, सिंक, फोन, कीबोर्ड को छूता है तो संक्रमण फैलता है।
बच्चों और बुर्जुगों के लिए खतरनाक
स्वाइन फ्लू के मरीजों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। जिन बच्चों की उम्र 5 साल के कम है, खास कर जिनकी उम्र 2 साल से कम है और जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा है या गर्भवती महिला हैं, उनका ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है।
बचाव ही इलाज
इसके संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति या खांसने/छीकने वाले व्यक्ति से तीन फुट का फासला रखें। खांसी/छींक आने पर पीड़ित व्यक्ति को मुंह और नाक को टीशू पेपर से ढंक लेना चाहिए और उस टिश्यू पेपर का तुरंत निपटान कर देना चाहिए। बीमार होने के बाद कम से कम 24 घंटे घर से न निकलें।
जागरूकता फैलाना जरूरी
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा करवाए गए हालिया शोध में पाया गया कि 76 प्रतिशत बच्चों को खांसते वक्त अपनाए जाने वाले बचाव के उपाय के बारे में जानकारी ही नहीं थी। फाउंडेशन के अध्यक्ष के. के. अग्रवाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू के प्रभावी रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चों में बचाव के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाई जाए। उन्हें नियमित तौर पर हाथ धोने के महत्व के बारे में जानकारी देनी चाहिए। स्वाइन फ्लू से ग्रसित व्यक्तियों को भी इसे रोकने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।