कई लोगों को किताबें पढऩे का बहुत शौक होता है। इसके चलते कई लोग अपने घर में एक छोटा सा कमरे में लाइब्रेरी बनवाते हैं। इसमें वे कई तरह की किताबों का कलेक्शन रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा गांव है, जहां हर घर में लाइब्रेरी है। सुनकर भले ही आपको यकीन न हो, लेकिन ये भारत का एकमात्र बुक विलेज है, जहां हर घर में लाइब्रेरी मौजूद हैं और हर घर में 15 हजार से ज्यादा किताबें पढऩे के लिए उपलब्ध हैं। ये गांव किताबों के लिए काफी पॉपुलर है।
अगर आप भी पढऩे के शौकीन हैं, तो ये गांव आपके लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक छोटे से गांव भिलार को देश का पहला और एकमात्र बुक विलाज कहा जाता है। इस गांव की 25 जगहों को चुनकर उन्हें कलात्मक तरह से सजाया गया है।
इन जगहों पर साहित्य, कविता, धर्म, इतिहास, लोक, साहित्य, आत्मकथा , पर्यावरण, महिलाओं और बच्चों संबंधी 15 हजार से ज्यादा किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां ढेर सारी मैग्जीन्स और अखबार भी उपलब्ध हैं। इस बुक विलेज की खास बात ये है कि यहां अलग-अलग घरों में अलग-अलग विषयों की किताबें रखी हुई हैं। घर के बाहर उस साहित्य से संबङ्क्षधत साहित्कार के चित्र लगा दिए गए हैं। कुछ घरों में रहने और ठहरने की व्यवस्था भी है।
आपको ये बता दें कि भिलार गांव सतारा जिले में खूबसूरत हिलस्टेशन पंचगनी के पास स्थित है। ये महाबलेश्वर से मात्र 14 किमी और मेन हाइवे से 33 किमी दूर है। ये गांव अपनी स्ट्रॉबैरी के लिए भी काफी मशहूर हो चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने इस गांव को पुस्तकांच गांव परियोजना दिया है। जिसमें मराठी भाषा विभाग ने भी पूरा सहयोग दिया है। ये परियोजना ब्रिटेन के वेल्स शहर के हेय ऑन वाय से प्रेरित है।