कश्मीर में भारतीय सेना के हाथों लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर अबु दुजाना मारा गया है, यह आतंकवाद पर हमारी सेना की एक बड़ी जीत साबित हुई है, क्योंकि नापाक मंसूबों को अमलीजामा पहनाने के लिए कुख्यात और बेहद शातिर लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर अबु दुजाना पर भारतीय सेना की नजर काफी समय से थी, जिस पर अब जाकर कामयाबी मिली।
दुजाना का ही मोबाईल बना उसकी मौत का कारण
अपुष्ट जानकारी से पता चला है कि दुजाना के मारे जाने में उसके मोबाइल फोन का बड़ा रोल है। हाल में पुलिस ने उसको पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन चलाया था। उस वक्त वो भागने में सफल रहा लेकिन गाड़ी में उसका मोबाइल फोन रह गया था। सुरक्षाबलों को उसके मोबाइल से उसके कॉन्टैक्ट और उनकी ट्रैकिंग से आतंकियों के मूवमेंट का पता चला। सुरक्षाबल लगातार दुजाना की गतिविधियों को ट्रैक कर रहे थे और मंगलवार को तड़के पुलवामा के बाकरीपोरा में उसे घेर लिया गया।
ऐसे हुई घेराबंदी और काम किया तमाम
तड़के 4 से 5 बजे के करीब सेना ने कश्मीर के पुलवामा जिले के हाकरीपोरा गांव में मुठभेड़ शुरू की। हाकरीपोरा गांव को सेना ने चारों ओर से घेर लिया, इसके बाद सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। दुजाना जिस घर में छुपा था, उसने वहां से करीब 4 घंटे तक एक भी गोली नहीं चलाई थी, हालांकि सेना ने उस घर को घेरा हुआ था। बाद में सेना ने उस घर पर रॉकेट लॉन्चर दागा, और आग लगा दी। अबु दुजाना के अलावा इस एनकाउंटर में आरिफ ललहारी भी मारा गया है। अबु दुजाना लश्कर का टॉप कमांडर था। पिछले कई महीनों से सुरक्षा-बलों ने दुजाना को ख़त्म करने के लिए कई ऑपरेशन चलाए थे। उसपर सुरक्षा-बलों ने 10 लाख रु. का इनाम भी घोषित किया हुआ था। CRPF की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 55 राष्ट्रीय राइफल और SOG की टीम ने इलाके को घेरकर सर्च अभियान शुरू किया।
पहले अबु दुजाना फरार होने में सफल रहा था
इससे पहले 19 जुलाई को भी सेना ने अबु दुजाना को घेरा था। पुलवामा के बंदेरपुरा गांव में सेना और SOG के जवानों ने अबु दुजाना को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, मगर दुजाना चकमा देकर फरार हो गया था। इससे पहले मई महीने में भी सुरक्षाबलों ने हकरीपोरा गांव में ही सुरक्षाबलों ने दुजाना की घेराबंदी की थी। खबर मिली थी कि अबु दुजाना अपने साथियों के साथ गांव में छिपा है।जिसे पकड़ने के लिए सेना ने ऑपरेशन चलाया। उस दौरान गांववालों ने पत्थरबाजी की, और अबु दुजाना फरार होने में सफल रहा था।
सेना का ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ जारी रहेगा
सेना ने कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने के लिए ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत आतंकियों की एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसके आधार पर अलग-अलग इलाकों में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर उन्हें ढेर किया जा रहा है। अब तक इस ऑपरेशन के तहत करीब 100 आतंकियों को घाटी में ढेर किया जा चुका है। 2 दिन पहले पुलवामा के तहाब इलाके में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में हिज्बुल के भी 2 आतंकी ढेर हो गए थे।
लोग आजादी की सांस ले सकेंगे – फारूक अब्दुल्ला
अबु दुजाना के मारे जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि अबु दुजाना के मारे जाने से काफी फर्क पड़ेगा, ये अच्छी बात है। ये एक अच्छी कामयाबी है, ऐसे लोगों को मारे जाने से अमन आएगा। यह चीजें खत्म होनी चाहिए ताकि लोग आजादी की सांस ले सकें। एक आदमी मर जाए तो दूसरा तो आएगा ही, यह भगवान का रास्ता है। एक आतंकी जाता है तो दूसरा आता है, क्या करेंगे? ऐसे लोगों के मारे जाने से घाटी में फर्क पड़ेगा।
किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा – गृह राज्यमंत्री
गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि आतंकी कोई भी हो आतंकी, आतंकी होता है, कोई भी मारा जाता है तो कामयाबी होती है, और आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। कश्मीर में शांति कायम करने के लिए आतंकियों के खिलाफ जो अभियान छेड़ा हुआ है वह जारी रहेगा, किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा।