आंवला खाएं बुढ़ापा दूर भगाएं…जानें इसे खाने के अनोखे फायदे
आंवला सर्वश्रेष्ठ शक्तिदायक फल है। इसका दूसरा नाम अमृत फल है। एक पुष्ट ताजे आंवले में 20 नारंगियों के बराबर विटामिन सी रहता है। इस प्रकार यह शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ सुन्दर भी बनाता है। इससे रक्त शुद्ध होता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसके विटामिन गर्म करने या सुखाने से भी नष्ट नहीं होते। त्रिफला-चूर्ण का मुख्य घटक आंवला ही है। च्यवनप्राश इस अमृत फल से ही बनता है। ओज, बल एवं युवावस्था को स्थिर रखने और बुढ़ापा दूर करने का यह सर्वश्रेष्ठ आयुर्वैदिक औषध है।
शहद के साथ आंवले के चूर्ण को खाने से भी ताकत बढ़ती है। आंवले को तिल के साथ मिलाकर बीस दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट खाएं। इससे शरीर को चुस्त और दुरूस्त होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है। यह मिश्रण स्वास्थ्यवर्धक होता है।
एक गिलास आंवले के जूस में 2 ग्राम हल्दी चूर्ण मिला लें। इसे नियमित रूप से पीने पर शरीर की स्फूर्ति बनी रहती है। यह डायबिटीज नियंत्रण के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। आधुनिक विज्ञान भी आंवले और हल्दी के मिश्रण को डायबिटीज के लिए कारगर मानता है।
आंवले को पीपल की छाल और चित्रक की पत्तियों की समान मात्रा (6 ग्राम) लेकर 40 मिली पानी के साथ उबाल लें। इसका काढ़ा तैयार कर लें। इसे दिन में चार से पांच घंटों के अंतराल से रोगी को पिलाएं। बुखार उतर जाएगा।
आंवले को पीसकर घी में सेंक लें। इस मिश्रण को सूंघने से नाक से निकलने वाले खून या नकसीर में आराम मिलता है। इसे नाक के बाहर लगाने से भी आराम मिलता है।
सूखे आंवले और आंवले की सूखी पत्तियों की समान मात्रा (लगभग 4 ग्राम) लें। इन्हें पीस लें, इस मिश्रण में हल्दी का चूर्ण मिलाएं। दिन में कम से कम दो बार भोजन के बाद इसे लें, फायदा होगा। डायबिटीज के नियंत्रण में यह फार्मूला काफी कारगर है।