आॅफिस में समय पर काम करने के लिए पढ़े ये तरीकें
आजकल हर वर्कर की यही कहानी होती है कि उन्हे रूटीन काम के अलावा कब क्या एक्सट्रा काम दे दिया जाए कोई भरोसा नही होता। जिनका सीधा असर रूटीन कामों पर होता है। वर्कर्स को समझ ही नही आता कि वे कैसे इन दोनो कामों के बीच कैसे सामंजस्य बिठायें। उनका मानना है कि रुटीन के काम ही इतने हैं कि उन्हें समय पर पूरा करना कठिन हो जाता है, ऐसे में अतिरिक्त काम कैसे करें?
आपके पास ऑफिस में सिर्फ आठ घंटे होते हैं। उसी में आपको अपना काम करना होता है। इन आठ घंटों को अपने वर्तमान काम और संभावित काम में आपको व्यवस्थित ढंग से नियोजित करना होता है। इसी को ऑफिस का टाइम मैनेजमेंट कहते हैं। यदि आप जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हैं या अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं, तो समय की इसमें बड़ी भूमिका होती है। आपको अपने समय के उपयोग को लेकर अधिक सचेत और सावधान रहना होगा। आइए जानें कैसे…।
समय की बर्बादी बंद करें
आप यह बात जरूर सोचें कि आपके ऑफिस के आठ घंटों में कितना समय बर्बाद होता है। बर्बादी का मतलब यह है कि उससे होने वाले आउटपुट की आपकी कंपनी के लिए कोई उपयोगिता नहीं है। माना कि आप दो बार चाय पीने बाहर जाते हैं, जिसमें आपको करीब आधे घंटे का समय लगता है। इससे आप तरो-ताजा होते हैं और बाकी काम करने के लिए आपको ऊर्जा मिलती है। यह तो अच्छी बात है। मगर यदि जब-तब या छह-सात बार आप चाय पीने या अन्य किसी काम से बाहर जाते हैं, तो यह समय की बर्बादी है। ऐसा करने से आप अपना लक्ष्य नहीं पा सकेंगे। इसी तरह आप हर उस गतिविधि की लिस्ट बना लीजिए, जिसमें आपका समय व्यय होता है पर उसका कोई आउटपुट नहीं मिलता। लिस्ट बनाने से आपका ध्यान उधर जाएगा और ऐसे काम करना आप छोड़ देंगे।
आसपास का वातावरण
आपके आॅफिस का वातावरण और आॅफिस के लोग आपकों कई तरीके से काफी हद तक आपके काम को प्रभावित करते है। आप किस तरह के लोगों के बीच रहते हैं, उनसे किन विषयों पर बातचीत करते हैं और किस प्रकार के आयोजनों में जाते हैं, इन सवालों के जवाब तलाशने की भी जरूरत है। कारण यह कि आपको तरो-ताजा और क्रिएटिव बनाने में आपका परिवेश जिम्मेदार होता है। आपको गैर-जरूरी बातों, बेकार के वाद-विवाद, अवरोध पैदा करने वाले तत्वों और मन को विचलित करने वाली चीजों से खुद को दूर रखना होगा क्योंकि ये चीजें काम से आपका ध्यान हटाती हैं और उसे आगे बड़ने से रोकती हैं।
मोटिववर्क करें
आप आॅफिस में जो भी काम कर रहे है उसका कोई ना कोई मोटिव जरूर होना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं, जो आपकी ड्यूटी से मेल नहीं खाता, तो उससे खुद को अलग कर लें। इससे उस काम से बचे समय को आप अपने मुख्य काम में लगा सकेंगे। आप जो भी काम करें, वह आपके उद्देश्य के अनुरूप हो और आपके लक्ष्य की ओर जाए।
अपनी क्षमता की जांच करे
समय-समय पर आपको अपनी क्षमताओं को जांचते रहना चाहिए। साथ ही यह भी कि आप जो भी काम कर रहे हैं, वह कितना उपयोगी होगा। आपने जीवन में जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे पाने के लिए आपको अपनी क्षमताओं को परखना बहुत जरूरी है। यदि आप देखते हैं कि आपकी वास्तविक क्षमता के अनुरूप आपका काम है, तो यह भी देखना होगा कि क्या वजह है कि काम पूरा नहीं हो पा रहा है। या तो आपने काम का वर्गीकरण नहीं किया है या फिर आप अपने काम के प्रति गंभीर नजरिया नहीं रखते। इस कमी को दूर कर लेंगे, तो आप काम पर फोकस कर सकेंगे और उसे समय पर पूरा भी कर लेंगे।
फोकस होकर काम करें
जिम्मेदारी का भाव आपके भीतर एकाग्रता लाता है। किसी भी काम को पूरा करने के लिए एकाग्रता की जरूरत पड़ती है। जब एकाग्रता होती है, तो आप तब तक अपनी सीट से नहीं उठते, जब तक आपका टास्क पूरा न हो जाए। इसलिए अपने भीतर जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व की भावना लाइए ताकि आप एकाग्रता से काम कर सकें। एकाग्रता को तोड़ने वाली बातों से दूर रहें। दूसरों पर नाराज होना, बात-बात पर गुस्सा आना या फिर दूसरों की बातें सुनना या गॉसिपिंग में भाग लेना आपकी एकाग्रता को भंग करता है। इन बातों से बचकर रहें।
टाइम बचाने के लिए टाइम मैनेजमेंट करें
आप अपने रुटीन और संभावित काम की प्रतिदिन एक लिस्ट बनाएं और उसके आगे उसे करने का समय निर्धारित कर लें। उनमें जो काम आज ही संपन्ना करने हैं, उनका ऊपर उल्लेख करें, जबकि नीचे उन कामों को शामिल करें, जो कल पर भी टाले जा सकते हैं। इसी लिस्ट के अनुसार आप काम करेंगे, तो काम समय पर पूरा होगा और समय कभी भी आपके जीवन में अवरोध पैदा नहीं कर सकेगा।
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