उत्तराखंड : भारी बारिश, भूकंप के झटके और चट्टान में दरार
देहरादून। उत्तराखंड में बारिश ने एक बार फिर तबाही मचा रही है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं इस बीच रविवार की सुबह भूकंप के झटके भी महसूस किए गए। कई स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का कार्य जारी है। सड़क मार्ग में बाधा होने के कारण रस्सी के सहारे लोगों को निकाला जा रहा है। बारिश से कई रोड़ खराब हो चुके हैं। वहीं वरुणावत पर्वत की चट्टान में दरार आ गई है। जिससे कारण 10 हजार लोगों पर खतरा मंडरा रहा है।
तीन दिन तक हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में रविवार से तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। यहां के पहाड़ी इलाकों में तीर्थयात्रा पर आए श्रद्धालुओं को सतर्क रहने को कहा गया है। मौसम विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया, ’’रविवार से तीन दिन तक श्रीहेमकुंड साहिब, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भारी बारिश हो सकती है।’’ विभाग की चेतावनी के बाद उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिला प्रशासन ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
4.0 तीव्रता का भूकंप
रविवार की सुबह उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर फिलहाल नहीं हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह पांच बज कर 18 मिनट पर लोगों ने चमोली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए। भूकंप के झटकों के बाद लोगों में दहशत का माहौल है।
वरुणावत पर्वत में दरार, हजारों की जान खतरे में
उत्तरकाशी वरुणाव्रत पर्वत, भूस्खलन होने की वजह से खतरे में पड़ गया है। दरअसल उत्तरकाशी जिले में तांबा खानी नाम की जगह भूस्खलन रोकने के लिए बनाई गई सीढ़ियों में दरारें आ गई। ये सीढ़ियां वरुणाव्रत पर्वत पर 1700 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गईं थीं। दरार की खबर मिलते ही जिले के कलेक्टर ने मौके पर जाकर हालात की जानकारी ली और एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। पहाड़ की चट्टानों में गहरी दरार आने से पहाड़ की तलहटी में रहने वाले लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। वरूणावत पर्वत पर गत 15 जुलाई से ही लगातार रूक-रूककर भूस्खलन हो रहा है। इस इलाके में करीब 10,000 की आबादी निवास करती है।