एक्जाम टाइम में बच्चों में कुछ यूं बढ़ाएं आत्मविश्वास
एक्जाम्स का समय नजदीक आ रहा है और हम सभी जानते हैं कि ऐसे में बच्चों को आत्मविश्वासी और अपने प्रति आश्वस्त बनाने में मदद करना कितना जरूरी है। खासकर आज जब एक्जाम्स में प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गई है। इतना ही नहीं , इस बारे में पैरेंट्स को शुरूआत से ही प्रयास करने चाहिए, ताकि वे इन सब बातों को अपना सकें। पैरेंट्स होने के नाते यहां बताए जा रहे कुछ तरीके आपको बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
बिताएं क्वालिटी टाइम
बच्चे में सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ रहें। उसके साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और बीच-बीच में एक्टिविटीज में भी शामिल हों। इससे न सिर्फ आप एक्जाम टाइम में अपने बच्चे का माइंड सेट समझ सकेंगे, बल्कि उसके नजरिए से भी देखने की कोशिश करेंगे कि उनके लिए बेस्ट स्कोर लाने का तनाव क्या होता है।
बधाई देने में न हिचकें-
याद रखें कि आपको बच्चे की मेहनत को हमेशा बढ़ावा देना है। वास्तविक रिजल्ट जो भी हो, लेकिन कोशिश की तारीफ होनी चाहिए ताकि बच्चा महसूस करे कि उसकी प्रशंसा हो रही है न कि वह डिप्रेशन मे आकर पढ़ाई करना ही छोड़ दे।
स्ट्रेंथ पर करें भरोसा-
पैरेंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चों की स्ट्रेंथ पर पूरा भरोसा करना चाहिए। बहुत ज्यादा आशावादी नहीं होना चाहिए, बल्कि बच्चे को अपनी स्ट्रेंथ के मुताबिक स्टडी करने का मौका देना चाहिए।
तुलना बिल्कुल नहीं….
बच्चे की तुलना उसके किसी दोस्त या भाई-बहनों से न करें। ऐसे में बच्चा अच्छा स्कोर करने के बजाए यही सोचता रह जाता है कि मैं कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। इससे बच्चे की आत्मकुशलता पर विपरीत असर पड़ता है।
व्यवहारिक रहें-
बच्चों को समझाएं कि जिन्दगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगे। बहुत ज्यादा आशावादी होने से काम नहीं चलता क्योंकि उस स्थिति में हार को सह पाना और भी कठिन हो जाता है। साथ ही बच्चों को उन बातों और कारणों के असर को सीखने में मदद देनी चाहिए, जिन पर उनका वश नहीं है। उन्हें सिखाएं कि बस वे मेहनत करें, परिणाम उनके हाथ में नहीं है।
खुद उनके रोल मॉडल बनें-
सेल्फ कॉन्फिडेंस बच्चों को सिखाया नहीं जाता। बच्चों के मन पर हर बात की छाप बहुत जल्दी लगती है और वे आसपास की घटनाओं को देखकर ही बहुत कुछ सीखते हैं। इसलिए पैरेंट्स को बच्चों के लिए रोल मॉडल यानि आदर्श बनना जरूरी है।
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