एक्टिंग के बाद डायरेक्टिंग में उतरे ये स्टार्स

बॉलीवुड में एक नहीं बल्कि कई ऐसे एक्टर्स हैं जिन्होंने फिल्मों में एक्टिंग के बाद निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाया और सफलता प्राप्त की है। आज हम आपको ऐसे ही कई एक्टर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने फिल्मों में एक्टिंग के बाद फिल्मों का निर्माण और निर्देशन दोनों ही किया है।
अजय देवगन
फिल्म ’फूल और कांटे’ से अभिनय के क्षेत्र में पहला कदम रखने वाले अजय देवगन ने ’यू मी और हम’ के जरिए निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा। जिसमें वह अपनी पत्नी काजोल के साथ नजर आए थे। देवगन अपने बैनर तले इससे पहले भी भारी भरकम बजट वाली ’राजू चाचा’ का निर्माण कर चुके थे।
पूजा भट्ट
बहुमुखी प्रतिभा की धनी पूजा भट्ट ने न सिर्फ अभिनय बल्कि निर्माता और निर्देशक के तौर पर भी दर्शको को अपना दीवाना बनाया है। अपने पिता महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फिल्म ’डैडी’ से अपने करियर की शुरूआत करने वाली पूजा ने साल 1997 में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और ’तमन्ना’ फिल्म बनाई। इसमें उन्होंने अभिनय भी किया। वर्ष 1998 में पूजा ने ’जख्म’ और ’दुश्मन’ जैसी सफल फिल्में बनाई और खूब तारीफें भी पाईं। पूजा ने अब तक पांच फिल्मों का निर्देशन किया है। पूजा आज न सिर्फ निर्देशन में सक्रिय हैं, बल्कि समय-समय पर अपने पिता की तरह सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय भी रखती हैं।
हेमा मालिनी
16 अक्टूबर 1946 में तमिलनाडु में जन्मी हेमा मालिनी उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के अपने फिल्मी करियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया “शोले” फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री ने अपने करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरूख खान को लेकर उन्होंने फिल्म (दिल आशना है) का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए ’मोहिनी’ का निर्माण और निर्देशन किया।
नंदिता दास
7 नवंबर 1969 को मुंबई में जन्मी नंदिता दास वर्ष 2008 में फिल्म ‘फिराक’ का निर्देशन किया। जो कि सांप्रदायिक दंगों पर आधारित थी। फिल्म को दर्शकों और फिल्म विशेषज्ञों ने बेहद पसंद किया। नंदिता को इस फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया
पंकज कपूर
अभिनेता पंकज कपूर ने फिल्म ’मौसम’ के साथ निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा। छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक पंकज कपूर के अभिनय ने दर्शकों पर प्रभावी छाप छोड़ी। पंकज की सराहनीय फिल्मों में एक डॉक्टर की मौत (1991) तथा विशाल भारद्वाज निर्देशित ’मकबूल’ (2003) शामिल हैं। पंकज को 2005 में फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
ऋषि कपूर
ऋषि कपूर एक भारतीय फिल्म अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक है। ऋषि कपूर को उनके हीरो के तौर पर पहली फिल्म बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। कपूर की पहली निर्देशित फिल्म ’आ अब लौट चलें’ 1999 में रिलीज हुई थी जो बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट हुई थी। ऋषि कपूर के साथ 20 से ज्यादा अभिनेत्रियों ने अपना करियर शुरू किया। फिल्मों में ऋषि कपूर द्वारा पहने गए स्वेटर्स काफी पसंद किए जाते थे।
अनुपम खेर
हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने ’ओम जय जगदीश’ (2002) फिल्म से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अनुपम खेर ने 1982 में ’आगमन’ नामक फिल्म से की थी, लेकिन 1984 में आई ’सारांश’ उनकी पहली हिट फिल्म मानी जाती है। अनुपम ने ’सारांश’ , ’कर्मा’ , ’हम’ , ’डैडी’ , ’आखिरी रास्ता’ , ’लम्हे’ , ’दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ , ’मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ’खोसला का घोसला’ जैसी कई अच्छी फिल्मों में काम किया है।
अपर्णा सेन
अपर्णा सेन ने बंगाली फिल्म 3 कन्या से एक्टिंग में डेब्यू किया। इस फिल्म में एक्टिंग के बाद अपर्णा ने कूल 10 मूवी की है। जिसमें से अपर्णा की 6 मूवी को नेशनल अवॉर्ड दिए जा चुके है। फिल्मों में एक्टिंग ने अपर्णा ने बंगाली मूवी 36 चौरंगी लेन से डायरेक्टर के क्षेत्र में कदम रखा।
आमिर खान
अभिनेता आमिर खान ने साल 2007 में आई मूवी तारे जमीन पर से डायरेक्टर के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने इस फिल्म में अभिनय भी किया। फिल्म तारे जमीन पर को दर्शकों से अच्छा रेस्पोंस मिला। आमिर को फिल्मफेयर में बेस्ट फिल्म और बेस्ट निर्देशक पुरस्कार मिला। इंडस्ट्री को लगान, 3 इडियट्स, गजनी, दिल और दिल चाहता है जैसी फिल्में देने वाले आमिर खान मिस्टर परफेक्शनिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं।