नायाब कला को दर्शाती हैं मुंबई इमारतों की ये सीलिंग
हर शहर का अपना प्राचीन इतिहास है। जैसा इतिहास वैसा उसका आर्किटेक्चर भी। वैसे भी पहले के जमाना में किसी भी म्यूजियम, या इमारत को बड़े ही नायाब तरीके से बनाया जाता था, जिसकी आज हम कल्पना भी नहीं कर सकते। फिर चाहें बात पिलर्स की हो , दीवारों की हो या फिर भारी-भरकम दिखने वाली दरवाजों की। ये खूबसूरत चीजें अपने इतिहास को लोगों के बीच आज भी जिंदा रखे हुए हैं। इन सबके साथ जो एक महत्वपूर्ण चीज है वो है इन इमारतों की टॉप सीलिंग। जी हां, वैसे तो आपने कई बड़ी-बड़़ी इमारतों की सीलिंग की सुंदरता देखी होगी, लेकिन मुंबई की इन इमारतों की सीलिंग का कोई मुकाबला नहीं है। नायाब आर्किटेक्चर और कला का संगम इन सीलिंग पर बखूबी देखा जा सकता है। इनकी खूबसूरती का आलम ये है कि आज देश-विदेश के नामी फोटोग्राफर्स इन सीलिंग के फोटो खींचकर बुक्स में इन्हें एक स्पेशल स्पेस दे रहे हैं। तो आइए देखते हैं इन सीलिंग की खूबसूरती।
द भाऊ दाजी लाड म्सूजियम-ये मुंबई का सबसे प्राचीन म्यूजियम है साथ ही मुंबई की सबसे सुंदर इमारत भी। इसे आज ज्यादातर लोग विक्टोरिया और एल्बर्ट म्यूजियम के नाम से जानते हैं।
ये सुंदर गुंबद मुंबई मुनिसिपल कॉर्पोरेशन की बिल्डिंग में पाया गया है। इसी सुंदरता देखने लायक है साथ ही इसे बनाने का नायाब तरीका आर्टिस्ट्स को बहुत लुभाता है।
इस चित्र को देखने के बाद कुछ बताने की जरूरत नहीं है। मुंबई का माउंट मैरी चर्च अपने आप में ही बहुत कुछ कह जाता है। इस रोमन कैथोलि बेसिलिका का निर्माण 1640 में हुआ था और पुनर्निमाण 1761 में। इसे द बेसिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ इ माउंट भी कहा जाता है।
मुंबई के एक मुख्य म्यूजियम की ये सीलिंग इंडो-सारासेनिक आर्किटेक्चर का जीता-जागता उदाहरण है। इसका गुंबद 60 फीट ऊंचा है।
इस रोमन कैथोलिक चर्च का निर्माण 1905 में डब्ल्यू.ए.चैम्बर ने करवाया था। इसकी सीलिंग देखने लायक है।
ये सीलिंग दुनिया की अद्भुत सीलिंग में से एक है। यहां पत्थरों से बना गुबंद दुनिया का सबसे बड़ा गुंबद माना जाता है, जो बिना किसी खंबों के सहारे टिका हुआ है।
ये मुंबई के सबसे मशहूर श्री सिद्धीविनायक मंदिर की सीलिंग है जो 1801 में बनकर तैयार हुआ था।
हमें यकीन है कि इससे पहले आपने गेटवे ऑफ इंडिया का ये अदभुत आर्किटेक्चर कभी नहीं देखा होगा। खासतौर से फोटोग्राफर आर्टिस्ट के लिए ये एक बहुत अच्छा फोटोग्राफी पॉइंट है।
ये है मुंबई का आदिशवर्जी जैन मंदिर। ध्यान से देखें तो इसके बीचों- बीच में बने राशि चिन्हों के लिए ये काफी सुंदर सीलिंग मानी जाती है।
ये मुंबई के टीटू टर्मिनल की एक सीलिंग है। जिसे देखकर हर व्यक्ति अचंभित रह जाता है। कई बार भारत की कई प्रदर्शनियों में भी इस सीलिंग को दर्शाया गया है।
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