……गेम्स खेलेंगे तो बढ़ेगा दिमाग
नई दिल्ली। पहले कहा जाता था कि पड़ोगे – लिखोगे तो बनोगे नवाब, इसके बाद कहा जाने लगा कि खेलोगे – कूदोगे तो बनोगे नवाब, लेकिन हाले ही में एक रिसर्च में यह सच सामने आया कि स्मार्टफोन और टैबलेट पर वीडियो गेम्स खेलोगे तो बनोगे नवाब।
बिलकुल सही पढ़ रहे है आप । दिल्ली और बिहार के लगभग 4500 बच्चो पर किए गए इस रिसर्च मे सामने आया कि जो बच्चे स्मार्टफोन और टेैबलेट पर वीडियो गेम खेलते है वे अन्य बच्चो की तुलना में ज्यादा शार्प होते है और अन्य बच्चो की तुलना में उनकी स्किल्स में काफी सुधार होता है।
यहां की गई शोध
अक्सर बच्चो को मोबाईल दिया जाता है तो गेम्स ही खेलते है और हम बोलते है कि क्या दिनभर गेम्स मे ही लगा रहता है। पढ़ाई करो जाकर। इसी मुद्दे को ध्यान में रखकर यह शोध क्वॉलकॉम वायरलेस रीच और सीस्मी वर्कशॉप द्वारा दिल्ली और बिहार के 5 से 8 साल तक के 4500 से ज्यादा बच्चों पर की गई।
टीचर्स और बच्चो दोनेा के ए्टिट्यड को बदलते है।
एक अन्य वेबसाइट मनीकंट्रोल डॉट कॉम के मुताबिक स्टडी में यह भी पाया गया कि स्मार्टफोन और टैबलेट आधारित गेम्स न केवल बच्चों के शिक्षा परिणामों में सुधार करते हैं बल्कि नई टेक्नॉलजी का उपयोग करके शिक्षकों के पढ़ाने के घ्टिट्यूड में बदलाव लाते हैं।
सामने आए परिणाम
मोबाईल और टैबलेट अक्सर हम छोटे बच्चो को छूने नही देते है क्योकि हम सोचते है कि वे इसे गिराकर या कुछ भी उल्टा सीधा चलाकर खराब कर देंगे। लेकिन यदि बच्चो को हम खुद ही गेम्स के लिए गाईट करें तो इससे बच्चो का काफी विकास होगा। इस शोध में पाया गया कि गेम्स खेलने वाले बच्चो की शेप्स को पहचानने, नंबर्स को पहचानने और अल्फाबेटिक पकड़ बहुत अच्छी होती है। इसके अलावा ये बच्चे कलर-कंपोजिशन, शैडो, साउंड आदि पर भी इनकी पकड़ अभी से ही अच्छी बन जाती है। इसके अलावा शोध में यह भी देखा गया है कि गेम्स के प्रभाव से लड़किया सबसे ज्यादा प्रभावित है और गेम्स का असर लड़कियों पर सबसे ज्यादा होता है।