निर्भया के बाद क्या निर्भय है देश की लड़कियां?
दिल्ली गैंगरेप के तीन साल बाद निर्भया की मां तथा पिता ने अपनी बेटी का नाम बताया। उन्होने बताया कि उनकी बेटी का नाम ज्योति था। निर्भया के साथ हुए इस शर्मनाक हादसे के तीन साल पूरे होने पर जंतर मंतर पर एक प्रोग्राम में निर्भया की माता ने कहा कि उनकी बेटी का नाम ज्योति था। और उन्हे ये बताने में किसी तरह की शर्म महसूस नही होती। मुझे मेरी बेटी पर गर्व है।
निर्भया की मां ने इस तरह कही अपने दिल की बात
मुझे अपनी बेटी का नाम लेने में शर्म महसूस नहीं होती। जो कोई इस पीड़ा से गुजरा हो, उसे नाम नहीं छुपाना चाहिए।
शर्म तो गुनाह करने वाले को आनी चाहिए और उसे अपना नाम छुपाने की जरूरत महसूस होनी चाहिए।
आज से हर किसी को यह मालूम होना चाहिए कि मेरी बेटी का नाम ज्योति सिंह था।
तीन साल पहले हमारी बेटी के साथ हैवानियत हुई थी। समाज और देश ने भी हमारे दुख को महसूस किया था। लेकिन आज तक बदला कुछ नहीं।
मेरी बेटी की तीसरी बरसी पर दोषी को रिहा किया जा रहा है। ये कैसा इंसाफ है?
निर्भया के पिता ने भी कही अपने दिल की बात
हमें दुख है कि आज तक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं दी गई। वे सभी आज भी जिंदा हैं।
सबसे ज्यादा दोषी जिसे जुवेनाइल बताया गया था, उसे बचाने की कोशिश हो रही है। उसे 10 हजार रुपए और सिलाई मशीन देने की बात दिल्ली सरकार कर रही है।
जबकि उसे फांसी दी जानी चाहिए। अगर उसे छोड़ा गया तो इसका मतलब है कि सरकार अपराध को लाइसेंस दे रही है।देश में होने वाले इस तरह के शर्मनाक हादसे देश के सम्मान को चोट पहुंचा रहे है। देश में महिलाओं के प्रति असुरक्षा का माहौल पैदा कर रहे है।
निर्भया गैंगरेप जैसे शर्मनाक हादसे को तीन साल तो हो गए। लेकिन उसके जैसे कितने ही शर्मनाक हादसे उसके बाद भी होते आये है। कितनी ही जगहो पर इसी तरह कितनी निर्भया बन चुकी है। लेकिन क्या ये इसी तरह होता रहेगा। और आरोपी खुले आम घूमते रहेंगे।