पीएम मोदी विदेशों के प्रति ज्यादा गंभीर, किए पहले वर्ष में 20 तूफानी दौरे
हर प्रधानमंत्री के कार्यों की प्राथमिकता उनके पहले वर्ष के कार्यों से ही पता चल जाती है। हमारे प्रधानमंत्री विदेशों से भारत के रिश्तों को लेकर ज्यादा गंभीर दिखाई देते हैं। वे पहले ही साल में 53 दिन में 20 देशों की यात्रा पर रहे। इन यात्राओं में हमने क्या खोया और क्या पाया, ये तो भविष्य में ही पता चलेगा। इन विदेशी यात्राओं पर 37.22 करोड़ रुपए खर्च किए गए। आइए जानते हैं कब उन्होंने किस देश की यात्रा की और वहां उन्होंने क्या-क्या समझौते किए…
भूटान यात्रा (15-16 जून 2014)
* यहां उन्होंने भूटान नरेश ‘जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक’ तथा भूटानी प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की। साथ ही यहां की संसद को हिंदी भाषा में संबोधित किया।
* नरेंद्र मोदी ने भूटान के पूर्वी भाग के ‘त्रेशियांगत्से’ नामक स्थान पर 600 मेगावाट की ‘खोलोंगचु जलविद्युत परियोजना’ की नींव रखी जो भारत व भूटान के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों क्रमशः एसजेवीएनएल (भारत सरकार व हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) तथा ड्रक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
* दोनों देशों के मध्य जलविद्युत परियोजनाओं पर की जा रही पहल से मानवता को जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से बचाया जा सकेगा तथा उन्होंने पनबिजली क्षेत्र के उत्पादन को दोनों देशों के मध्य 10,000 मेगावाट तक ले जाने के लक्ष्य को दोहराया।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास सहयोग के तहत भारत द्वारा बनाए गए भूटान के उच्चतम न्यायालय के भवन का उद्घाटन भी किया। इसके लिए भारत की ओर से भूटान को 793.54 मिलियन रुपये की सहायता राशि दी गई थी।
* इस दौरान मोदी ने दूध पाउडर, गेहूं, खाद्य तेल, दाल व गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भूटान के लिए किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाने का निर्णय किया था।
* आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार मोदी की भूटान यात्रा उनकी अब तक की सबसे सस्ती विदेशी यात्रा रही है। उनकी इस दो दिवसीय यात्रा का पर 41 लाख 33 हजार रुपए का खर्च आया था।
ब्राज़ील यात्रा (13-16 जुलाई 2014)
* ब्राज़ील में हुआ छठा ब्रिक्स शिखर सम्मलेन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दौरा रहा। इस यात्रा में मोदी ने पहली बार इन देशों के प्रमुखों से मुलाकात की।
* यहां चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग ने सितंबर में भारत आने पर हामी भरी और मोदी ने चीन यात्रा का निमंत्रण स्वीकार किया।
* मोदी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंड्रस्ट्रियल पार्क और पूंजी निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद, व्यापार असंतुलन जैसे जटिल मुद्दों पर भी बात की।
* जिनपिंग ने माना कि भारतीय सर्विस सेक्टर चीन में अपना कारोबार और बढ़ा सकता है। कैलास मानसरोवर की यात्रा के लिए नए रास्ते खोलने का अनुरोध मोदी ने किया।
* साझा सांस्कृतिक विरासत और आतंकवाद को लेकर साझा चिंताओं पर चर्चा हुई।
नेपाल यात्रा (3-4 अगस्त 2014)
* नेपाल के दो दिवसीय दौरे में पीएम मोदी ने भारत की ओर से नेपाल को एक अरब डॉलर का लोन देने की घोषणा की। जो कि वर्तमान में जारी किसी भी लोन के अतिरिक्त होगा।
* भारत और नेपाल 45 दिनों में ऊर्जा व्यापार समझौते को करने पर सहमत हुए।
* प्रधानमंत्री ने पशुपतिनाथ मंदिर को 2500 किलोग्राम चंदन की लकड़ी भेंट करने की घोषणा की। पशुपतिनाथ विकास प्राधिकरण द्वारा शीघ्र ही एक धर्मशाला के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने में भारत मदद प्रदान करेगा। इसके लिए 25 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान करेगा।
* नेपाली छात्रों की छात्रवृतियों को 180 से बढ़ाकर 250 किया गया है।
* नेपाल ने भारत को आश्वासन दिया है कि नेपाली भूमि का किसी भी तरह से भारतीय हितों के खिलाफ उपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
* नेपाल और भारत के संबंधों की आधारशिला 1950 की द्विपक्षीय संधि हैं। भारत और नेपाल दोनों देश इस 1950 की द्विपक्षीय संधि की समीक्षा को तैयार हो गए हैं। संधि की समीक्षा की मांग नेपाल की ओर से उठाई गई जिसे इसके तहत कई लाभ हासिल होते हैं। वही भारत का ध्यान अपने सुरक्षा हितों पर रहा।
जापान यात्रा (30 अगस्त -3 सितम्बर 2014)
* मोदी के इस दौरे के दौरान जापान ने अगले पांच सालों में भारत को विकास परियोजनाओं के लिए 35 अरब डॉलर देने का वादा किया।
* जापान यात्रा के दौरान मोदी क्योटो और टोक्यो गए। मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे और देश के अन्य नेताओं से मुलाकात की।
* मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें रक्षा आदान-प्रदान, स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग, सड़क एवं राजमार्ग, स्वास्थ्य एवं महिला विषयक समझौते शामिल हैं।
* इसके अलावा दोनों पक्षों ने संबंधों को नए स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता भी जताई।
* जापान ने इसके साथ ही छह भारतीय संस्थाओं पर से प्रतिबंध हटा लिया, जिनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भी शामिल है। यह प्रतिबंध 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद लगाया गया था।
अमेरीकी दौरा (26-30 सितम्बर 2014)
* इस यात्रा के दौरान मोदी और ओबामा ने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के लिए संयुक्त संपादकीय लिखा।
* नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी डिफेंस कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग का न्योता भी दिया।
* साथ ही मोदी अमेरिका से तीन भारतीय शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने में मदद का वादा भी लेकर आए। इनमें विशाखापट्टनम, इलाहाबाद और अजमेर शामिल हैं।
* नरेंद्र मोदी ने ओबामा से भारतीय सर्विस कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार को खोलने का आग्रह किया।
* उन्होंने आतंकवाद की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की और आतंकवाद से लड़ाई में इंटेलीजेंस में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनाई।
* पीएम के अमेरिकी दौरे के दौरान मोदी के एसपीजी डेलीगेशन का होटल खर्च 9.16 लाख रुपए बताया गया है, वहीं प्रधानमंत्री और उनके साथ गए विदेश मंत्रालय एवं पीएमओ के अधिकारियों के होटल का खर्च 11.51 लाख रुपए आया था। इसी यात्रा के दौरान किराए की कारों पर 39 लाख रुपए खर्च किए गए थे वहीं 3 लाख रुपए टीवी कवरेज के लिए पीएम के साथ प्रसार भारती पर खर्च किए गए।
म्यांमार यात्रा (11-13 नवंबर 2014)
* पीएम ने 3 दिवसीय म्यांमार की यात्रा के दौरान उन्होंने म्यांमार के राष्ट्रपति थियान सियान से मुलाकात की जो लगभग 45 मिनट तक चली।
* इस दौरान दोनों देशों ने कनेक्टिविटी, कल्चरल कांटैक्ट और कमर्शियल संबंध बढ़ाने पर जोर दिया। इसके अलावा इंफाल और मांडले के बीच बस सेवा शुरु करने पर गंभीरता से विचार किया।
* भारत, म्यांमार और थाइलैंड के बीच बनने वाले हाईवे के काम में तेजी लाने पर भी विचार किया गया। भारत और म्यांमार के बीच व्यापार बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
* आपको बता दें कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच महज 2 बिलियन डॉलर का कारोबार है। इसके अलाव भारत म्यांमार के एसईजेड में भी निवेश करने की संभावना तलाशेगा वहीं तेल और प्राकृतिक गैस के उद्यमों में भी भारत निवेश करेगा।
ऑस्ट्रेलिया यात्रा (14-18 नवंबर 2014)
* ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मोदी ने एमसीजी पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मेलबर्न में कई कंपनियों के ऑस्ट्रेलियाई सीईओ से मुलाकात की और एजुकेशन, सर्विस, एनर्जी, बैंकिंग और आईटी जैसे मसलों पर चर्चा की।
* संसद में भाषण देने से पहले टोनी एबॉट और मोदी के बीच द्विपक्षीय शिखर वार्ता हुई।
* दोनों के बीच 5 समझौतों पर सहमति बनी। इसमें सामाजिक सुरक्षा, कैदियों की अदला-बदली, नशीले पदार्थों के व्यापार पर लगाम लगाने, पर्यटन व कला-संस्कृति को आगे बढ़ाने से जुड़े समझौते हुए।
* इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत को यूरेनियम निर्यात करने पर भी सहमति दी।
* ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथ गए डेलीगेशन के होटल में रुकने का खर्च 5.60 करोड़ रुपए आया था, वहीं यात्रा के दौरान गाड़ियों के उपयोग के लिए 2.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
फिजी यात्रा (19 नवंबर 2014)
* मोदी ने फिजी में पावर प्लांट लगाने के लिए 7 करोड़ डॉलर का ऋण देने, छोटे कारोबारियों और ग्रामीण उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए 50 लाख डॉलर देने समेत कई घोषणाएं की।
* इसके साथ ही मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान फिजी के प्रधानमंत्री जोसियाह वी. बैनीमारमा और कुक द्वीप समूह, टोंगा गणराज्य, तुवालू, नाऊरू गणराज्य, किरीबाती गणराज्य, वानुआतू, सोलोमन द्वीप समूह और समोआ समेत कई प्रशांत द्वीपीय देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
* उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में प्रशांत द्वीपीय देशों को तकनीकी मदद एवं प्रशिक्षण देने के लिए 10 लाख डॉलर का कोष स्थापित करने की भी घोषणा की।
* पीएम मोदी की फिजी यात्रा भी उनकी सबसे महंगी विदेश यात्राओं में शामिल है।
सेशेल्स यात्रा (10-11 मार्च 2015)
* पीएम मोदी पिछले 34 साल में सेशेल्स की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। इस दौरे पर मोदी ने हिन्द महासागर स्थित इस द्वीपीय देश को भारत की ओर से दूसरा ड्रोनियर विमान देने की घोषणा की।
* मोदी ने इस अवसर पर तटीय निगरानी राडार परियोजना की भी शुरआत की।
* मोदी और माइकल ने इस दौरान जल क्षेत्र मापन, अक्षय उर्जा, ढांचागत सुविधाओं के विकास और नौवहन चार्ट सौदा तथा इलेक्ट्रानिक नौसंचालन संबंधी चार्ट से जुड़े चार अहम समझौते पर हस्ताक्षर किये।
* मोदी ने इस अवसर पर सेशेल्स के नागरिकों को तीन महीने के लिये निशुल्क वीजा देने की भी घोषणा की है। आपको बता दें कि सेशेल्स की आबादी 90 हजार है और इनमें 10 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं।
मॉरिशस यात्रा (11-12 मार्च 2015)
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मॉरिशस यात्रा के दौरान भारत ने महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के लिए मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर का रियायती ऋण देने की पेशकश की और दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था सहित पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
* मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगनाथ के साथ बातचीत के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर के वक्त मोदी ने कहा, ‘मैं मॉरीशस के असैन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डॉलर के रियायती ऋण की पेशकश करके खुश हूं। हमारी मंशा मॉरीशस में जल्द से जल्द पेट्रोलियम भंडारण हेतु गोदाम बनाने की है।’
* इस दौरान मॉरीशस ने कर मामले में भारत के साथ सूचनाएं साझा करने की पेशकश की।
श्री लंका यात्रा (13-14 मार्च 2015)
* श्री लंका की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए। इनमें मुद्रा विनिमय समझौता, व्यापार संतुलन के लिए कस्टम समझौता, 300 मिलयन डॉलर से अधिक क्रेडिट लाइन, बनारस विश्वविद्यालय के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान का समझौता किया गया।
* इसके अलावा आर्थिक समझौते से लेकर वीजा और कस्टम पर भी समझौता हुआ। साथ ही भारत ने श्रीलंका को 1.6 अरब डॉलर की मदद देने का भरोसा दिया है और रेल क्षेत्र को 3.18 लाख डॉलर दिए जाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।
* दोनों देशों के बीच सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) और भारत की एनटीपीसी लिमिटेड के बीच संयुक्त उद्यम परियोजना का समझौता हुआ। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) भी हुए।
* पीएम मोदी की श्री लंका यात्रा पर होने वाले खर्च की जानकारी देने से श्री लंका दूतावास ने इनकार कर दिया है।
सिंगापुर यात्रा (30 मार्च 2015)
* इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू के अंतिम संस्कार में भाग लिया। इस मौके पर वे इजरायल के राष्ट्रपति सहित कई विश्व नेताओं से मिले।
* यह उनकी सिंगापुर की पहली यात्रा थी और वह फिर से यात्रा करने की उम्मीद करते हैं।
* बाद में वे भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंध के स्वर्ण जयंती समारोह का हिस्सा बने। इसके अलावा पीएम मोदी नवंबर में सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना होंगे।
* इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करते हुए दोनों देशों के बीच एक सामरिक साझेदारी की जाएगी।
फ्रांस यात्रा (9-11 अप्रैल 2015)
* इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रेलवे, स्पेस रिसर्च, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान, तकनीकी और मरीन टेक्नोलॉजी क्षेत्रों से संबंधित 20 समझौतों और सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए।
* रक्षा एवं परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित समझौते एलएंडटी तथा अरेवा के बीच एमओयू, मेघा ट्रापिक्यू पर इसरो और सीएनईएस के बीच एमओयू, भारत के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय तथा फ्रांस के खेल, युवा कार्यक्रम,सार्वजनिक शिक्षा एवं सामुदायिक जीवन मंत्रालय के बीच सहयोग के लिए एमओयू हुआ।
* इसके साथ ही भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और फ्रांस सरकार के पारिस्थितिकी, संपोषणीय विकास एवं ऊर्जा मंत्रालय के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन(एमओ यू) और भारत के रेल मंत्रालय व फ्रांस की राष्ट्रीय रेलवे (एसएनसीएफ) के बीच रेल प्रोटोकाल का समझौता हुआ।
जर्मनी यात्रा (12-14 अप्रैल 2015)
* इस यात्रा के दौरान मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, व्यापार जगत के नेताओं और विदेशों में बसे भारतीयों से मुलाकात की।
* भारत में निवेश करने के क्रम में जर्मन उद्योग के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मुख्य कार्यकारी अधिकारियों) के साथ गोलमेज सम्मेलन में शिरकत की।
* दोनों देशो के नेताओं ने निर्माण, कौशल विकास, शहरी विकास, पर्यावरण, रेलवे के क्षेत्र में नदियों, भाषा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग हेतु हनोवर में एक संयुक्त बयान जारी किया।
* वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए सभी पक्षों को बीच का रास्ता निकालने के प्रयासों को मजबूत करने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बर्लिन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र सूर्य कुमार बोस से मुलाकात की।
* ऑस्ट्रेलिया के बाद पीएम की जर्मनी यात्रा सबसे महंगी विदेशी यात्रा रही है। जर्मनी यात्रा के दौरान भारतीय दूतावास ने वीवीआईपी डेलीगेशन के होटल खर्च के लिए 3.80 लाख रुपए खर्च किए, वहीं रोजाना खर्च के लिए 1.31 लाख रुपए खर्च किए गए। जर्मनी की इस यात्रा के दौरान 19,405 रुपए स्थानीय यात्रा पर खर्च किए गए।
कनाडा यात्रा (14-16 अप्रैल 2015)
* इस यात्रा के दौरान मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के साथ यूरेनियम खरीद के साथ कुल 13 समझौते किए हैं।
* इनमें रेलवे, सुरक्षा, नागरिक विमानन, शिक्षा एवं कौशल का विकास, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता आदि को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। इस यात्रा के दौरान कैमेको और भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के बीच यूरेनियम आपूर्ति को लेकर समझौता हुआ।
* कनाडा यात्रा के पहले दिन ही पीएम मोदी ने एक महत्वपूर्ण करार किया। इस करार के तहत कनाडा भारत को अगले पांच साल में तीन हजार टन यूरेनियम की आपूर्ति करेगा। इसका इस्तेमाल भारत में परमाणु ऊर्जा बनाने में किया जाएगा, जिससे देश में बिजली की किल्लत खत्म होगी। कनाडाई कंपनी अगले पांच वर्षो तक 1793 करोड़ रुपये (350 मिलियन कनाडाई डॉलर) मूल्य का यूरेनियम मुहैया कराएगी।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रमुख पेंशन फंड मैनेजर्स और निवेशकों के साथ राउंड टेबल बैठक भी की। इस बैठक के बाद संकेत मिले हैं कि पेंशन फंड मैनेजर्स और निवेशक भारत में दीर्घकालीन योजना के तहत 30 से 50 साल की अवधि के लिए चार लाख करोड़ डॉलर (2500 लाख करोड़ रुपए) तक निवेश करने को तैयार हैं।
चीन यात्रा (14-16 मई 2015)
* भारत और चीन के बीच 63 हजार करोड़ रुपए निवेश के 24 करार पर दस्तखत हुए।
* इसमें एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम, माइनिंग एंड मिनरल सेक्टर में सहयोग, चीन के सहयोग से अहमदाबाद में महात्मा गांधी स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट बनाया जाना, भारत के सहयोग से चीन में योग कॉलेज खोला जाना, अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इंटरनेशनल डिपार्टमेंट के साथ भारतीय विदेश मंत्रालय का समझौता, चीन की सरकारी प्रसारण कंपनी सीसीटीवी और दूरदर्शन के बीच सहयोग, टूरिजम सेक्टर में सहयोग, इंडिया-चाइना थिंक टैंक की स्थापना, भूकंप विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सहयोग, चीन के डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर और नीति आयोग के बीच सहयोग, वोकेशनल एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में सहयोग और रेलवे के क्षेत्र में सहयोग के समझौते शामिल हैं।
* प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा के दौरान होटल के लिए जहां 1.06 करोड़ रुपए खर्च किए गए वहीं गाड़ियों के लिए 60.88 लाख रुपए खर्च किया गया। इस यात्रा के दौरान 5.90 लाख रुपए हवाई सफर पर खर्च किए गए। पीएम मोदी के साथ गए अधिकारियों पर 9.80 लाख रुपए का दैनिक भत्ता भी खर्च किया गया।
मंगोलिया यात्रा (17 मई 2015)
* इस यात्रा के दौरान भारत ने मंगोलिया को बुनियादी ढांचा विकास के लिए एक अरब डॉलर का ऋण मुहैया करने की भी घोषणा की।
* दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाया और असैन्य परमाणु सेक्टर जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के लिए रक्षा सहयोग मजबूत करने पर राजी हुए।
* मंगोलिया में ट्रेन चलाने, साइबर सिक्युरिटी सेंटर बनाने में मदद की भी घोषणा की।
* दोनों देशों के बीच हवाई सेवाओं के क्षेत्र में करार, 2015 से 2018 के बीच सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने का करार, सीमा सुरक्षा, पुलिसिंग और सर्विलांस के क्षेत्र में सहयोग, मेडिसीन और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग, भारत के टाटा मेमोरियल सेंटर और मंगोलिया के नेशनल कैंसर सेंटर के बीच करार, भारतीय और मंगोलियाई विदेश मंत्रालय के बीच सहयोग बढ़ाने पर करार, रिनुअल एनर्जी के क्षेत्र में सहयोग, इंडिया-मंगोलिया स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप के लिए ज्वाइंट स्टेटमेंट, भारतीय फॉरेन सर्विस इंस्टिट्यूट और मंगोलिया के डिप्लोमैटिक अकादमी के बीच करार जैसे कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।
दक्षिण कोरिया यात्रा (18-19 मई 2015)
* दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान मोदी और राष्ट्रपति पार्क गीयून हाई ने चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को एक गुणात्मक उच्च स्तर तक ले जाने के लिए नये मायने, गति एवं विषय वस्तु जोड़ने का संकल्प लिया जिनमें रक्षा, व्यापार और निवेश तथा क्षेत्रीय सहयोग शामिल है।
* दक्षिण कोरिया ने भारत को स्मार्ट सिटी के बुनियादी ढांचे के विकास, रेलवे, ऊर्जा उत्पादन और अन्य विविध क्षेत्रों के लिए 10 अरब डॉलर मुहैया करने का फैसला किया।
* दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंध को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाने के लिए सहमत हुए।
बांग्लादेश यात्रा (6-7 जून 2015)
* इस यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच 41 साल पुराने सीमा विवाद पर समझौता हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते में भारत ने बांग्लादेश को 17,160 एकड़ ज़मीन और बांग्लादेश ने भारत को 7,110 एकड़ ज़मीन दी है।
* बॉर्डर विवाद सुलझने के अलावा 22 अहम मुद्दों पर भारत और बांग्लादेश में सहमति बनी। आतंरिक जल पारागमन और व्यापार संधि को जारी रखने पर फैसला हुआ है।
* ढाका से कोलकाता, अगरतला और गुवाहाटी के लिए एसी बस सेवा शुरू हुई है, तो वहीं कई व्यापारिक समझौतों पर भी दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर हुए।
* दोनों देश रेल संपर्क को मजबूत करने, खास कर 1965 से पहले से अस्तित्व में रहे रेल संपर्कों को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।
* इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश में बंदरगाहों की स्थापना में भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए भी बात की।
यूएई यात्रा (16-17 अगस्त 2015)
* इस यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमिरात के शहजादे ने भारत में 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है।
* संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में अपने निवेश को समर्पित आधारभूत संरचना कोष के जरिए बढ़ाकर 75 अरब डॉलर यानी करीब पांच लाख करोड़ रुपये तक करने पर सहमति जताई। वहीं दोनों देश अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर लगभग 100 अरब डॉलर करेंगे।
* इसके साथ ही दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी के लिए सहमत हुए हैं। इस साझेदारी के तहत यूएई, भारत में पेट्रोलियम क्षेत्र में शामिल होगा और तीसरे देशों में गठजोड़ किया जाएगा।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के शहजादे मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान ने भारत-यूएई संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का निर्णय किया। साथ ही दोनों नेता यूएई में ढांचागत विकास में भारतीय कंपनियों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए भी सहमत हुए।
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