कंपनी शुरू करने के लिए, आठ तरह के फॉर्म भरने के झंझट से मिलेगा छुटकारा, अब भरना होगा एक ही फार्म
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कंपनी शुरू करने वालों को अब राहत दी है। नई कंपनी शुरू करने के लिए अब उद्यमियों को केवल एक ही फॉर्म भरना होगा। इससे पहले कंपनी शुरू करने के लिए आठ फॉर्म भरने पड़ते थे। देश में बिजनेस को इजी बनाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। इस नए फॉर्म का नाम ’आईएनसी 29’ रखा गया है। यह आईएनसी 29 मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर मिलेगा।
कंपनी मामलों के मंत्रालय में 1 मई से एक इंटीग्रेटेड कंपनी इनकॉर्पोरेशन फॉर्म का यूज करेगी। ताकि अनुपालन और सूचना का मामला कंपनियों के लिए आसान हो जाए। मंत्रालय के मुताबिक, अब नाम की उपलब्धता, निदेशक पहचान नंबर का अलॉटमेंट, कंपनी इनकॉर्पोरेशन और बिजनेस की शुरूआत के काम एक ही फॉर्म से हो सकेंगे।
ये आठ फॉर्म भरने होते थे पहले
पहले कंपनी को रजिस्टर कराने के लिए आठ फॉर्म अनिवार्य रूप से भरने होते थे। अगर एक व्यक्ति की भी कंपनी हो, तो भी डीआईएन, डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट, कंपनी के नाम की मंजूरी से जुड़े फॉर्म आईएनसी-1, मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन और आर्टिकल्स ऑफ एसोशिएशन के साथ कंपनी के रजिस्ट्रेशन से जुड़े फॉर्म आईएनसी-7, रजिस्टर्ड ऑफिस के लिए फॉर्म आईएनसी-22 और हर डायरेक्टर के लिए फॉर्म डीआईआर 12 को भरना ही होता है।
उद्यमियों की शिकायत हुई दूर
उद्यमी लंबे समय से यह शिकायत करते रहे हैं, कि भारत में कारोबार शुरू करने के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके चलते उद्यमी भारत की बजाय सिंगापुर में रजिस्ट्रेशन कराना आसान समझते हैं। लेकिन अब ये दिक्कतें काफी कम हो जाएंगी। कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री को कंपनीज एक्ट 2013 और कॉर्पोरेट सेक्टर को रेग्युलेट करने वाले दूसरे कानूनों के एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी दी गई है। मिनिस्ट्री, कंपनी के इनकॉर्पोरेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने पर काम कर रही थी। लोकसभा में हाल ही में पास हुए कंपनीज बिल 2014 में, 2013 के कुछ प्रावधानों को हटाने की बात है, ताकि देश में निवेश का माहौल बेहतर किया जा सके।