21 सितंबर को दुनिया भर में ’विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व शांति दिवस मुख्य रूप से पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है। शांति का मतलब यहां केवल वैश्विक शांति से ही नहीं बल्कि मन की शांति से भी है जो हर व्यक्ति के लिए जरूरी होती है। हर आयु वर्ग के लोगों के लिए शांति के अपने-अपने मायने होते हैं। छोटे बच्चों को जहां तरह-तरह के खेल खेलकर शांति मिलती है तो वहीं बुजुर्गों को भगवान का ध्यान करने में शांति मिलती है। आजकल के युवाओं की अगर बात करें तो उन्हें मौज-मस्ती, गॉसिप, और फ्रीडम में शांति मिलती है। तो आइए जानते हैं युवाओं की नजर में क्या है शांति का मतलब…
- म्यूजिक सुनना – आज का युवा जितना मौज-मस्ती को पसंद करता है उतना ही वह अपने करियर पर भी ध्यान देता है। करियर के चलते भाग-दौड़ करते युवा को जब अकेले में बैठ कर म्यूजिक सुनने का मौका मिलता है तो उसके मन को शांति मिलती है। कॉलेज में बोरिंग लैक्चर के दौरान यदि प्रोफेसर की नजरों से बच कर म्यूजिक सुना जाए तब भी मन को बहुत शांति मिलती है।
- पार्टी करना – बात कॉलेज की फ्रैशर या फेयरवेल पार्टी की हो या फिर खास दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाने की यूथ इसके लिए ’ना’ कह ही नहीं सकता। कॉलेज और कोचिंग के बिजी शेड्यूल से जब यूथ बोर हो जाता है तो वह पार्टी प्लान करके अपने मन को शांति देता है।
- दोस्तों से बात करना – हम सभी जब प्रॉब्लम में होते हैं तो किसी अपने से बात करके अपनी प्रॉब्लम को शेयर करने का मन करता है। ज्यादातर लोग दोस्तों से ही अपनी प्रॉब्लम शेयर करते हैं। यदि दोस्त हमारे आस-पास ही है तो दोस्त से अपने मन की बात कह कर हम मन हल्का कर सकते हैं। लेकिन अगर हमारा दोस्त हमसे दूर है तो हमें चैटिंग करके या कॉल करके उससे अपनी परेशानी शेयर करनी पड़ती है। अपने करीबी से अपनी प्रॉब्लम शेयर करके मन को बहुत शांति मिलती है।
- कॉफी या चाय – कॉलेज, कोचिंग या ऑफिस के दिन भर के बिजी शेड्यूल के बाद जब हम थक हार कर घर आते हैं तब एक कप चाय या काफी मन को बहुत शांति देती है। एक छोटे से कप की चाय या काफी कब हमारे दिन भर की थकान को मिनटों में गायब कर देती है, हमें ही नहीं चलता।
- डायरी लिखना – कुछ लोगों को नेचर थोड़ा शाय होता है। ऐसे लोग ज्यादा दोस्त नहीं बनाते। वे न ही किसी पर भरोसा करते हैं और न ही अपने मन की बात किसी से कह पाते हैं। ऐसे लोगों के द्वारा लिखे गए डेली नोट्स या डायरी ही उनकी सच्ची साथी होती है। जब भी ये अपनी डायरी में अपने मन की बात लिखते हैं तो इन्हें बहुत सुकून मिलता है।
- सपने देखना – कई लोग ऐसे होते हैं जो अपनी मन की शांति के लिए सोना पसंद करते हैं। मन की शांति पाने के लिए ये लोग सारी टेंशन भुलाकर, बस खो जाते हैं अपने सपनों की दुनिया में। जहां कोई टेंशन कोई, कोई परेशानी इन्हें नहीं छू पाती है।
- मेडिटेशन – ज्यादातर लोग मन की शांति के लिए मेडिटेशन करते हैं। सुबह के वक्त अपनी दोनों आंखों को बंद कर ध्यान लगाकर बैठने से कई लोगों को मानसिक शांति मिलती है। शांति पसंद लोग अधिकतर मेडिटेशन करके ही अपने मन की शांति को पाते हैं।
- शांत बैठकर प्रकृति को निहारना – जो लोग प्रकृति से प्यार करते हैं उन्हें प्रकृति के साथ घंटों वक्त बिताने, प्रकृति को सुनने, उससे बातें करने, उसे निहारने में शांति मिलती है। ऐसे लोगों को गार्डनिंग का भी शौक होता है, गार्डनिंग करके भी वे अपने मन की शांति को ढूंढते हैं।
- दूसरों की मदद करना – कई बार जब हम किसी की मदद करते हैं तो मन को बहुत शांति मिलती है। ये जरूरी नहीं है कि किसी अपने की मदद करके हम अच्छा महसूस करें। कई बार किसी अजनबी की मदद करके ज्यादा खुशी मिलती है।
- इंतजार खत्म होना – जब हम किसी पल या किसी दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं और वह पल या दिन हमारे सामने होता है तब मन को बहुत खुशी और शांति मिलती है। ये शांति किसी अपने से काफी दिनों बाद मिलने या कोई पसंद की चीज मिलने की भी हो सकती है।
- आजादी मिलना – बात फ्रेंड के साथ आउटिंग पर जाने की हो या फ्रेंड की पार्टी में जाने की हो, अगर पापा इसके लिए परमिशन नहीं देते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हमसे हमारी आजादी छीन ली गई हो। ऐसी सिचुएशन में जब मम्मी पापा को परमिशन देने के लिए मना लेती है या फिर कोई दोस्त पापा को मना लेता है तब उस फ्रीडम को फील करने में मन को बहुत शांति मिलती है।