यूक्रेन से फैला एक नया साइबर वायरस ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया है। इस वायरस ने 60 से ज्यादा देशों को संक्रमित कर दिया है। मुंबई से लेकर लॉस एंजिलिस तक के बंदरबगाहों में दखल दे दिया है और ऑस्ट्रेलिया की एक चॉकलेट फैक्ट्री का भी काम रोक दिया है।
सुरक्षा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन मैनेजर क्राउड स्ट्रीक के अध्यक्ष जॉर्ज कर्टज ने कहा, “जब सिस्टम कम हो जाता है और मुनाफे का उत्पादन नहीं कर सकता है, तो वास्तव में अधिकारी और बोर्ड के सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया जाता है”। “यह वास्तव में लचीलापन और नेटवर्क में बेहतर सुरक्षा के लिए आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ा दी है।”
डैनिश सिपिंग दिग्गज ए पी मोलर मार्स्क ने कहा कि उन्हें अपने एपीएम टर्मिनल सब्सिडियरी द्वारा दुनिया भर में संचालित 76 बंदरगाहों में से कुछ में आदेशों की प्रक्रिया और कार्गो को स्थानांतरित करने में संघर्ष करना पड़ रहा है। अमेरिकी कूरियर कंपनी फेडेक्स ने कहा कि इसका टीएनटी एक्सप्रेस डीविजन वायरस से बुरीतरह प्रभावित हुआ है। इस वायरस ने दक्षिण अमरिका के साथ-साथ चीन के कोफ्को द्वारा संचालित अर्जेंटीना के बंदरगााह को भी अपनी चपेट में ले लिया है। मई में हुए ‘वानाक्राई रैनसमवेयर’ हमले की तरह ही विद्वेषपूर्ण कोड मशीनों को लॉक कर देता है और पीड़ितों से बिटकॉइन में 300 डॉलर मूल्य की फिरौती देने या अपनी डेटा को पूरी तरह से खोने की धमकी देता है।
अभी तक 30 से अधिक पीड़ितों ने मांगी गयी राशि का भुगतान भी कर दिया है। पर सुरक्षा विशेषज्ञ पूछताछ कर रहे हैं कि क्या हैकर वित्तीय लाभ के बजाय विनाशकारी उद्देश्यों से प्रेरित हैं। जर्मनी के एक सरकारी साइबर सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि फिरौती की राशि के भुगतान के बाद हैकरों ने पीड़ितों को ईमेल द्वारा उन्हें सूचित करने के लिए कहा लेकिन जर्मन प्रदाता पोस्टियो ने तुरंत एड्रेस को बंद कर दिया।
हमलों की सबसे ज्यादा चपेट में आने वाले यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाया है। उसने कहा है कि रूस ने हरदम ऐसी साजिशों को अंजाम दिया है। 2014 में कालासागर पर भी हमला रूस ने ही कराया था, जब से रूस पर ऐसे आरोप लगते आ रहे हैं।
दरअसल मौजूदा वायरस हमले के कारण यूक्रेन में सरकारी मंत्रालयों, बिजली कंपनियों और बैंक के कंप्यूटर सिस्टम में बड़ी खराबी आई है। यूक्रेन का सेंट्रल बैंक, सरकारी बिजली वितरक कंपनी, विमान निर्माता कंपनी एंतोनोव और डाक सेवाएं इस हमले से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव की मेट्रो में पेमेंट कार्ड काम नहीं कर रहे हैं। कई पेट्रोल पंपों का काम-काज रोकना पड़ा है।