ये हैं रावण के वो 7 सपने जो रह गए अधूरे

दशहरा पर्व को अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। ये बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन रावण से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाज्ञानी रावण के कुछ ऐसे सपनों के बारे में जिन्हें वो पूरा नहीं कर पाया। उसके ये सपने प्रकृति के विरूद्ध थे और यदि ये पूरे हो जाते तो अधर्म बढ़ जाता और राक्षस प्रवृत्तियां अनियंत्रित हो जातीं। तो आइए जानते हैं रावण के उन अधूरे सपनों के बारे में…
खून के रंग को सफेद करना
रावण चाहता था कि खून का रंग लाल से सफेद हो जाए। जब रावण विश्वविजयी यात्रा पर निकला था तो उसने सैकड़ों युद्ध किए, करोड़ों लोगों का खून बहाया। तब सारी नदियां और तालाब खून से लाल हो गए थे, प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा था और देवता इसके लिए रावण को दोषी मानते थे। तो उसने विचार किया कि खून का रंग लाल से सफेद हो जाए तो किसी को भी पता नहीं चलेगा कि उसने कितना खून बहाया है और वो पानी में मिलकर पानी जैसा हो जाएगा।
दुनिया से भगवान की पूजा को खत्म करना
रावण का सपना था कि वो दुनिया से भगवान की पूजा की परंपरा को ही खत्म कर दे। ताकि दुनिया में केवल उसकी ही पूजा हो।
स्वर्ग तक सीढ़ियां बनाना
भगवान की सत्ता को चुनौती देने के लिए रावण स्वर्ग तक सीढ़ियां बनाना चाहता था ताकि जो लोग मोक्ष या स्वर्ग पाने के लिए भगवान की पूजा करते हैं, वे उनकी पूजा बंद कर केवल रावण को ही अपना भगवान मानें।
सोने को खुशबुदार बनाना
रावण चाहता था कि सोने में सुगंध होनी चाहिए। रावण दुनियाभर के सोने पर खुद कब्जा जमाना चाहता था। सोना खोजने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए वो उसमें सुगंध डालना चाहता था।
काले रंग को गोरा करना
रावण खुद काला था इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों का रंग काला है वे गोरे हो जाएं, ताकि कोई भी महिला उनका अपमान न कर सके।
शराब से दुर्गंध दूर करना
रावण शराब से दुर्गंध को भी दूर कर देना चाहता था। ताकि संसार में शराब का सेवन करके लोग अधर्म को बढ़ा सकें।
समुद्र के पानी को मीठा बनाना
रावण सातों समुद्रों के पानी को मीठा बना देना चाहता था।