रंग बदलता है अनोखा शिवलिंग
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भगवान शिव ही एक ऐसे इष्ट हैं जिन्हें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूजा जाता है। शिव जी के देशभर में कई सारे मंदिर हैं। इतना ही नहीं इन सारे शिव मंदिरों का अपना-अपना महत्व भी है। कहीं बर्फ का शिवलिंग है तो कहीं हर साल शिवलिंग की ऊंचाई में वृद्धि होती है। ऐसा ही शिवजी का एक मंदिर है राजस्थान के धौलपुर में। अचलेश्वर महादेव के नाम से पहचाने जाने वाले इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग चमत्कारिक है जो दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग के महत्व के बारे में कम ही लोगों को जानकारी है इसलिए लोग यहां कम ही पहुंच पाते हैं।
तीन बार बदलता है रंग
रंग बदलने वाले इस शिवलिंग का रंग सुबह के समय लाल दोपहर को केसरिया और रात को श्याम हो जाता है। इस शिवलिंग के बारे में एक बात और प्रसिद्ध है कि इस शिवलिंग का अंत आज तक कोई नहीं खोज पाया है। काफ़ी समय पहले ़इस शिवलिंग के रंग बदलने का कारण जानने के लिए यहां खुदाई भी की गई थी लेकिन काफ़ी खोदने के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला तो इसकी महिमा और भी बढ़ गई। इसके अलावा इसके रंग बदलने का कारण जानने के लिए पुरातत्व विभाग भी यहां काम कर चुका है लेकिन उन्होंने भी इसकी महिमा के आगे हार मान ली थी।
हज़ारों साल पुराना है मंदिर
आज भी यह एक रहस्य ही है कि इस शिवलिंग का उद्भव कैसे हुआ और ये अपना रंग कैसे बदलता है। ये मंदिर हज़ारों साल पुराना बताया जाता है। यह एक पुरानी चट्टान से बना हुआ है और देखने में ऐसा लगता है जैसे किसी पहाड़ को काटकर यहां रख दिया गया है। मंदिर का महत्व तो हज़ारों सालों से जस का तस है लेकिन फ़िर भी बड़ी संख्या में यहां भक्त इसलिए नहीं आ पाते हैं क्योंकि यहां का रास्ता आज भी कच्चा और उबड़-खाबड़ है।
चम्बल के बीहड़ों के लिए प्रसिद्ध है इलाका
अचलेश्वर महादेव के नाम से यूं तो देश भर में कई मंदिर हैं लेकिन यदि आप रंग बदलने वाले शिवलिंग के बारे में जानकारी निकालेंगे तो आपको राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर के बारे में जानकारी मिलेगी। धौलपुर जिला राजस्थान और मप्र की सीमा पर स्थित है। यह इलाका चम्बल के बीहड़ों के लिए भी प्रसिद्ध है। कभी यहां बागी और डाकुओं का राज हुआ करता था।
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