विदेश में जाकर खेल की दुनिया में इस भारतीय वीर ने रचा इतिहास
ग्वांग्जू (कोरिया)। स्टार एथलीट इंदरजीत सिंह गोला फेंक स्पर्धा जीतकर विश्व विश्वविद्यालय खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गये। भारत की पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल टीम ने भी कास्य पदक जीता जिससे प्रतियोगिता के तीसरे दिन भारत के पदकों की संख्या चार तक पहुंच गई।
भारत ने एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो कास्य पदक जीते हैं। एशियाई चैम्पियन इंदरजीत की राह हालांकि आसान नहीं रही। उन्होंने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 20.27 मीटर की दूरी तय करके खिताब जीता। इससे भारत ने इन खेलों में गोल्ड मेडल का अपना खाता भी खोला।
पांचवें प्रयास तक इंदरजीत 19.80 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर चल रहे थे, लेकिन अंतिम प्रयास में 20 . 27 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे।
उन्होंने 2013 में रूस में इसी स्पर्धा में रजत पदक जीता था। रोमानिया के आंद्रेई मारियस गैग ने 19.92 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक जीता जबकि रूस के एलेक्सांद्र बुलानोव (19.84 मीटर) को ब्रॉन्ज मेडल मिला।
इंदरजीत ने कहा, मैं इस सफलता के लिए भगवान, अपने परिवार और कोच प्रीतम सिंह को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं चीन में अगले महीने होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप को लेकर उत्सुक हूं जहां मुझे अपने सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।
पुरूष 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल टीम स्पर्धा में अचल प्रताप सिंह ग्रेवाल, अमरेंदर पाल सिंह चौहान और अक्षय जैन की तिकड़ी ने कांस्य पदक जीता। रूस और कोरिया के निशानेबाजों ने क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए।
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