कम्फर्ट जोन की शुरआत डर से ही होती है और जब हम किसी काम को करने से डरते हैं तो हम उस काम को करने से पीछे हट जाते हैं और अपने चारों ओर एक दीवार बना लेते हैं जिससे हम कभी आगे नहीं बढ़ पाते और अपनी वर्तमान स्थिति को अपनाकर संतुष्ट हो जाते हैं और इसे ही कम्फर्ट ज़ोन कहते हैं। इसलिए सफल होने के लिए हमे कम्फर्ट जोन छोड़ना बेहद जरुरी है ।
सपने सभी देखते हैं लेकिन सफल वही होते हैं जो उन्हें साकार करने के लिए कम्फर्ट जोन छोड़कर आगे कदम बढ़ाते हैं। मुश्किल और रूकावट हर काम में आती है लेकिन हमे रिस्क लेना सीखना होगा और नए नए काम करने होंगे क्योंकि एक जैसा काम करने से वो हमारी आदत बन जाती है जिसे बदलना बहुत मुश्किल हो जाता है । आइये जानते हैं कैसे हम अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ सकते हैं ।
अपना माहौल बदलें
अपने मन से असफल हो जाने का डर निकालकर अपने माहौल को बदलें क्योंकि ऐसे में सिर्फ दुबक के बैठने से सफलता नहीं मिलेगी उसके लिए माहौल बदलना बेहद जरुरी है । आप जो मुकाम पाना चाहते हैं उसके लिए उन लोगों से संपर्क बढ़ाएं जो उस काम को कर चुके हों या कर रहे हों उनसे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आपमें भी आत्मविश्वाश बढ़ेगा।
पहला कदम बढ़ाएं
सफल होना है तो अपने मुकाम के लिए पहला कदम बढ़ाना जरुरी है, हार के डर से बहाने मारना छोड़ें और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर आगे कदम बढ़ाएं । हर फैसले दूसरों के सहारे नहीं लिए जाते कुछ हमे खुद पर भरोसा रख कर भी लेने पड़ते हैं।
सोच समझकर लें फैसला
सफल होने के लिए कम्फर्ट जोन छोड़ना जरुरी है और अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम बढ़ाना जरुरी है लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं की हम बिना बिना सोचे समझे अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें । आप जो मुकाम पाना चाहते हैं उसके बारे में पहले अच्छे से विचार करें और जानकारी हासिल करें ताकि यह पता लगाया जा सके की आपने सही लक्ष्य चुना है क्योंकि ऐसा ना हो की जल्दबाजी में लिया गया फैसला आपको गलत राह पर ले जाये और फिर आपमें निराशा भर जाये । साथ ही अपने लक्ष्य को पाने के लिए तय करें की आपको कैसे, कब और क्या करना है और आपको किन किन रिसोर्स और मदद की आवश्यकता होगी ।
ये सब तय करने के बाद ही अपना कदम बढ़ाएं।
नयी रिस्क लें
हर मुकाम को पाने के लिए एक अलग रास्ता चुनना बेहतर होता है कई बार हमे कम्फर्ट जोन से बाहर आने के लिए नयी रिस्क भी लेनी पड़ती है । नए सपने और रोज़ नए काम कर के देखो और अपनी संगत में रिस्क लेने वाले लोगों को शामिल करो और आसान काम और रास्तों पर चलने की आदत छोड़ दो ।
किसी काम के लिए “ना” ना कहें
आपको कोई भी काम सौपा जाये तो उसे ना मत कहें क्योंकि ना वही कहते हैं जिनके मन में डर होता है, तो अपने मन से डर निकालें और हर काम के लिए तत्पर रहें इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। जो लोग काम करने को लेकर समर्पित होते हैं और रिस्क लेना जानते हैं उनके लिए कोई काम मुश्किल नहीं होता और उन्हें सफलता जरूर मिलती है। किसी भी काम को करने से या तो सफलता मिलेगी या अनुभव और दोनों ही चीज़ें महत्वपूर्ण हैं ।
निराश ना हों
हर मुकाम को हासिल करने में कठिनाइयां और असफलता का सामना करना पड़ता है लेकिन जो इनसे निराश होकर काम छोड़ देता है वो सफल नहीं हो पाता ।
इसलिए अपने मुकाम के रास्ते में आने वाली कठिनाइयां और असफलता को स्वीकार करना सीखें और निरंतर प्रयास करते रहें सफलता जरूर मिलेगी ।