सूखे से निजात के लिए मोदी ने दिए मंत्र, पढ़ें मन की बात की 10 बड़ी बातें..
सूखे से जूझते देश और देशवासियों का हौंसला बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जल संचय और इससे निपटने के लिए नए -नए उपायों को आजमाने पर बल दिया है। 19वीं बार अपने मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने सूखे से लेकर शिक्षा और पंचायती राज से लेकर गंगा अभियान तक खुलकर विचार रखे। आइए जानिए मोदी के मन की बात की दस बड़ी बातें-
– सूखे से निपटने के लिए मोदी ने आम जनता के प्रयासों की सराहना की। मध्यप्रदेश के देवास जिले के गोहरा ग्राम पंचायत का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे वहां ग्रामीणों ने मिलकर गांव में 27 तालाब बनाए और जल का संचय किया। ग्रामीणों के इस प्रयास से 20 फीसदी पानी की बचत हुई।
– आगामी बरसात के मौसम मे औसत से ज्यादा वर्षा होने के आंकलन पर मोदी ने कहा यह शुभ संकेत के साथ-साथ हमारे लिए चुनैती भी है कि हम कैसे वर्षा जल का संचय कर अपन दिक्कतों को कम कर सकते हैं।
– मोदी ने शुद्ध पानी को देश के विकास मे भी सहायक बताया। कहां, शुद्ध पानी से देश की जीडीपी में भी सुधार होगा।
– मोदी ने कहा कि गंगा को स्वच्छ करने का अभियान चल रहा है , जिसके जल्द ही बेहतर परिणाम देखने को मिलेगें। इसकी सफाई के लिए सरकार अपने स्तर पर पूरी क्षमता से प्रयास कर रही है।
– मोदी ने आम लोगों से भी आह्वान किया है कि भागीरथ गंगा को धरती पर लेकर आए थे, लेकिन इसे बचाने के लिए लिए करोड़ों भागीरथ की जरूरत है।
– पीएम ने कहा कि गांव देश के विकास की सबसे मजबूत कड़ी है, इसलिए उस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
– मोदी ने शिक्षा के मामले में कहा कि युवाओं के दबाव के बाद पहली बार उन्होंने एनसीसी, स्काउट गाइड, एनएसएस और रेडक्रॉस के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। उनसे बात कर पता चला कि ये कितनी बड़ी व्यवस्था है। और देश के युवाओं को कितनी बड़ी ताकत दे सकती है।
– प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि उनके आह्वान के बाद देशभर के एक करोड़ से ज्यादा लेागों ने गैस की सब्सिडी छोड़ दी। इसके लिए लोगों ने घंटों लाइन में खड़े रहने से भी परहजे नहीं किया।
– मोदी ने राजनेताओं और अधिकारियों को भी नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपने नागरिकों पर भरोसा करना चाहिए। इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। इसी सोच के साथ हमने छोटी नौकरियों के इंटरव्यू खत्म कर दिए हैं।
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