स्टार्टअप करिये, स्मार्ट बनिये
पिछले एक दशक में देश और दुनिया को सबसे अधिक प्रभावित करने वाली चीज है ऑनलाइन कारोबार यानी ईकॉमर्स और उनमें भी स्टार्टअप! ग्लोबल लेवल पर भले ही इसे आये कुछ वक्त हो गया लेकिन भारत में तो यह पिछले एक दशक में ही उभरा है.
पिछले दिनों तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बैंकों से आह्वन कर डाला कि वे स्टार्ट अप को लोन दें. तब से यह शब्द और सुर्खियों में है.
क्या हैं स्टार्ट अप?
यह सवाल किसी के भी मन में उठ सकता है कि स्टार्टअप दरअसल क्या बला है? स्टार्टअप दरअसल उन कारोबार को कहते हैं जिसे नये उद्यमी छोटे पैमाने पर शुरू करते हैं लेकिन जिनके लक्ष्य बड़े होते हैं. ऐसे सबसे अधिक कारोबार इन दिनों ऑनलाइन ही हो रहे हैं. चूंकि सन 1997 के बाद आई डॉटकॉम क्रांति ने इनको जन्म दिया है इसलिए स्टार्ट और ई कॉमर्स एक दूसरे के पर्यायवाची हो गये हैं. ये दरअसल सॉल्यूशन बेस्ड वे इन्नोवेशन हैं जिनके जरिये या तो नया कारोबार शुरू किया जाता है या पुराने कारोबार को गति दी जाती है.
स्टार्टअप राजधानी
बेंगलुरू को देश की स्टार्टअप राजधानी कहा जाता है. चूंकि वह देश में सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा सेंटर है इसलिए ऐसा होना स्वाभाविक भी है. बड़ी संख्या में आईटी सेक्टर के युवा वहां रहते हैं और वे अपने स्टार्टअप शुरू करते हैं. बेंगलुरू में इस समय 4000 से अधिक स्टार्टअप हैं. बेंगलुरूर में रहने वाले कुल युवाओं में से 10 फीसदी अपने स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं या शुरू कर रहे हैं. ये स्टार्टअप चूंकि ऑनलाइन होते हैं इसलिए इन्हें बहुत बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता तो नहीं होती लेकिन हां पूंजी की आवश्यकता जरूर होती है.
बेंगलुरू ही क्यों?
क्योंकि इस शहर को देश का टैलेंट हब माना जाता है. सन 2000 के दशक में जब देश में आईटी उद्योग पनपा तो बेंगलुरू देश की सिलिकन वैली के रूप में उभरा. इस समय यह स्टार्टअप कैपिटल बना हुआ है. इंफोसिस के नारायण मूर्ती से लेकर फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल तक, विप्रो के अजीम प्रेमजी से लेकर ओला कैब्स के भाविश अग्रवाल तक सबने अपने कारोबार इसी शहर से शुरू किये. यही वजह है कि स्टार्टअप शुरू करने वाले नये उद्यमियों के लिये यह शहर इंस्पिरेशन का जरिया है. इसके अलावा बेंगलुरू देश के अन्य महानगरों की तुलना में सस्ता भी है. यह बात भी उद्यमियों को यहां खींच लाती है.
एंजेल इन्वेस्टर
पूंजी यानी कैपिटल किसी भी स्टार्टअप के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि गाड़ी को चलाने के लिऐ पेट्रोल. लेकिन नये स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाना आसान नहीं होता. किसी निवेशक को अपने स्टार्टअप में पैसा लगाने के लिए मनाना आसान काम नहीं है. ऐसे में एंजेल इन्वेस्टर उनके काम आते हैं. ये वे इन्वेस्टर हैं जो नये और रिस्की स्टार्ट अप में बिना किसी सिक्योरिटी के अपना पैसा लगाते हैं और बदले में उसमें हिस्सेदारी लेते हैं या उसके सफल होने पर अपने लिये अच्छा प्रॉफिट मांगते हैं.
स्टार्टअप क्यों?
इसलिये क्योंकि स्टार्टअप शुरू करने के लिए आपको किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती. अगर आप इंटरनेट सेवी हैं, सॉफ्टवेयर, यूजर इंटरफेस में आपका दखल है और आपको वेब डेवलपिंग का काम आता है और आपके पास अच्छा विजन है तो आप अपना स्टार्टअप आसानी से शुरू कर सकते हैं. इनमें भी बाकी कामों के लिये तो आप लोगों को अपने साथ जोड़ सकते हैं लेकिन सबसे जरूरी हैं इनोवेटिव आइडिया क्योंकि अगर वह है तो आप एक सफल स्टार्टअप चला सकते हैं.
संदीप कुमार
वरिष्ठ पत्रकार, भोपाल