स्वस्थ जिंदगी मस्त जिंदगी
परफैक्ट हैल्थ के लिए ऐक्सरसाइज का सटीक फार्मूला,
स्वस्थ जिंदगी जीने के लिए लगभग हर व्यक्ति के लिए व्यायाम करना जरूरी हैण् ष्मेरी जिम जाने की चाहत है लेकिन क्या करूंए समय ही नहीं मिलताण्ष् यह बात आमतौर पर सुनने में आती हैण् लेकिन अपने शरीर की सुडौलता बरकरार रखने के साथ जिंदगीभर स्वस्थ रहने के लिए अपनी व्यस्त जीवनशैली से थोड़ा समय अपने लिए अवश्य निकालेंण्
आज महिला को कैरियरए घरगृहस्थीए प्रसवए प्रसूतिए बच्चों को पढ़ाने के अलावा सामाजिक जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती हैंण् इन सब के लिए उस का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है और स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक खानपान के साथ व्यायाम यानी ऐक्सरसाइज करना जरूरी हैण्
हर पुरुष व महिला के स्वास्थ्यए जीवनपद्धतिए कामए व्यवसायए उम्र आदि चीजों को ध्यान में रख कर ऐक्सरसाइज की रूपरेखा तय करनी होती हैण् किसी एक को बताई गई ऐक्सरसाइजए दूसरे को भी सूट करेगीए ऐसा जरूरी नहीं हैण् रनिंगए वेट ट्रेनिंगए स्विमिंगए कोई खेल खेलनेए डांस करने में से कोई भी प्रकार हमें जिंदगीभर के लिए स्वस्थ रख सकता हैण् व्यायाम करते वक्त ये चीजें ध्यान में रखनी चाहिएण्
हृदय व फेफड़ों की क्षमता रू हमारे स्नायु और पेशी की मांग के अनुसार पोषणमूल्य व प्राणवायु मुहैया करने का काम हृदय और फेफड़े करते हैंण् जैसे दौड़ते वक्त आप के पांव तक खून पहुंचना चाहिएए प्राणवायु पूर्ति होनी चाहिएए स्नायु का काम बढ़ने से निर्माण हुए लैक्टिक एसिड की आपूर्ति भी होनी चाहिएण्
स्नायु की ताकत रू स्नायु या स्नायु के समूह के एक ही झटके से लगाया हुआ जोर यानी स्नायु की ताकतण्
स्नायु की क्षमता रू वेट ट्रेनिंग करते वक्त यह क्षमता बढ़ती हैण्
लचीलापन रू जोड़ की ज्यादा से ज्यादा घूमने की क्षमताण् बौडी को खिंचाव देने वाले व्यायाम में लचीलापन जरूरी होता हैण्
शरीर की संरचना रू पूरे शरीर के वजन में वसा का वजन कितना है यह देखा जाता हैए महिला में यह 25 प्रतिशत या उस से कम होना चाहिए और पुरुषों में वह 15.25 प्रतिशत से कम होना चाहिएण्इन में से 4 चीजों में अगर आप महारत हासिल करते हैं तो शरीर की संरचना सुधरती हैण् इस से ताजगी महसूस होती है और शरीर की संतुलन क्षमता बढ़ने से आप का बाह्य रूप निखरता है व मन शांत रहता हैण्
व्यायाम के 5 तत्त्व
शरीर का खिंचाव बढ़ाना रू सभी व्यायाम के तत्त्वों का यह प्रमुख तत्त्व हैण् व्यायाम करते वक्त हम जो शरीर को खिंचाव देते हैं वह हमारी गतिविधियों के खिंचाव से ज्यादा होना चाहिए और वह चढ़ते क्रम से बढ़ाना चाहिएण्
मांग के अनुसार निर्माण करना रू यह व्यायाम का बहुत ही महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैण् शरीर व उस के अवयव हम जैसी मांग करें वैसे काम करने लगते हैंण् उसी तरह व्यायाम के लिए भी शरीर को अनुकूल करना पड़ता हैण् जैसेए अगर वेट ट्रेनिंग करना है तो वार्म अप वेट ट्रेनिंग से ही करना पड़ता हैण् सिर्फ उस की तीव्रता प्रमुख व्यायाम से कम रखनी पड़ती हैण् प्रमुख व्यायाम में जो स्नायु काम करने वाले हैंए पहले वही स्नायु व्यायाम के लिए तैयार करने हैंण्
छीज भरना रू शरीर जुड़ने के बाद का तत्त्वए अच्छी तरह व्यायाम होने के बाद शरीर की छीज भरी जानी चाहिए वरना शरीर सक्षम नहीं रहता हैण् जले हुए ऊष्मांक का इस्तेमाल होता नहींण् छीज भरने के लिए सही आहारए ज्यादा पानीए पूरी नींद की जरूरत होती हैण्
निरंतरता रू व्यायाम में स्थायित्व रखना जरूरी हैए वरना सब बेकार हो जाएगाण् दूसरे तत्त्व से स्नायु को स्मरणशक्ति मिलती हैण् व्यायाम नियमित रूप से नहीं करेंगे तो व्यायाम के बारे में स्नायु भूल जाते हैं और सभी तत्त्वों पर इस का नकारात्मक असर पड़ता हैण्
व्यायाम में वैविध्य रखना रू लगातार एक ही प्रकार के व्यायाम की शरीर को आदत हो जाती हैण् इस से उस का सकारात्मक परिणाम दिखना बंद हो जाता हैण् व्यायाम में वैविध्य रखना चाहिएण् व्यायाम की रूपरेखा तैयार कर उस के अनुसार हफ्ते में 5 से 6 दिन लगातार व्यायाम करना चाहिएण्
कौन सा व्यायाम करें
हर एक के शरीर की जरूरतें अलगअलग होती हैंण् उस के अनुसार व्यायाम चुनना होता हैण् इस के लिए प्रशिक्षक की मदद लेनी चाहिएण् व्यायाम का प्रकारए समय आदि चीजें प्रशिक्षकों से मिल कर तय करनी चाहिएण्