बिहार-बाढ़ से स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार शुक्रवार तक बाढ़ की वजह से मृतकों का आंकड़ा 418 पर पहुंच गया है। कुल 19 जिलों में लगभग 1.67 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। जिलों से आई रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को 418 लोगों के मरने की पुष्टि की है, यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, जबकि बाढ़ से प्रभावितों की संख्या 1 करोड़ 67 लाख से अधिक हो गई है।
1403 सामूहिक रसोइयों में 3.54 लाख लोग कर रहे भोजन
सहरसा और मुजफ्फरपुर के अलावा अन्य जिलों में भी लोगों की मौतों से हुए तांडव की खबर है। सिवान जिले से बाढ़ के चलते किसी की मौत की सूचना नहीं है। विभाग की रिलीज में बताया गया है कि कुल 1403 सामूहिक रसोइयों में 3.54 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
368 शिविरों में 1.59 लाख लोग ले रहे आश्रय
बिहार में राहत शिविरों में कमी की गई है। पहले 624 शिविर बनाए गए थे, जो अब घटकर 368 हो गए हैं। इनमें लगभग 1.59 लाख लोग आश्रय ले रहे हैं। यह जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने दी है। अकेले अररिया जिले में ही बाढ़ के चलते 87 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा सीतामढ़ी में 43, कटिहार में 40, पश्चिमी चंपारण में 36, पूर्वी चंपारण में 32, मधुबनी में 28, दरभंगा में 26, किशनगंज में 24, माधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सुपौल में 16 और पूर्णिया में 9 लोगों की मौत हुई है।
लाखों आवास क्षतिग्रस्त
बाढ़ के कारण अब तक जिलों से 24 हजार 350 झोपड़ियां ध्वस्त हुई हैं। एक हजार से अधिक मकानों को आंशिक क्षति हुई है। कच्चा-पक्का मकानों के क्षति का आकलन किया जा रहा है। सात लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों में लगी फसल नष्ट हो चुकी है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का काम चल रहा है। NDRF, SDRF व सेना के जवान राहत बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
तीनों बलों की 51 टीम के 2248 जवान 280 मोटरबोट से राहत कार्य में लगे
बाढ़ से राहत बचाव के काम में NDRF की 28 टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा SDRF की 16 टीमें भी राहत बचाव के काम में लगी हैं। सेना के 630 जवान बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है, जिससे लोग अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन इन जगहों पर बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। तीनों बलों की 51 टीम के 2248 जवान और 280 मोटरबोट के माध्यम से राहत अभियान में लगे हैं।
8,50,701 लोग निकाले गए सुरक्षित
8,50,701 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं, प्रभावितों के लिए राहत शिविर, सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है। जो लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, उन्हें चूड़ा, चावल, आलू, दाल आदि खाद्य सामग्री का फूड पैकेट दिया जा रहा है।