जानिएं कोहिनूर से जुड़ी ये दस खास बातें
बेशकीमती हीरे कोहिनूर को ब्रिटेन से भारत वापस लाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कंद्र सरकार को 6 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा है। इस पर हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से संस्कृति मंत्रालय का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा कि कोहिनूर को महाराजा रणजीत सिंह ने ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया था ना कि चुराया या जबरन लिया गया था।
जानिए कोहिनूर हीरे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां-
1 – प्राचीन भारत की शान कोहिनूर हीरे की खोज भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के गोलकुंडा की खदानों में हुई थी। एक समय इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था।
2- कोहिनूर का मतलब होता है रोशनी का पहाड़। लेकिन इस हीरे की चमक से कई सल्तनत के राजाओं का सूर्य अस्त हो गया। ऐसी मान्यता है कि यह हीरा अभिशप्त है। यह हीरा सिर्फऔरतों और संत के लिए ही भाग्यशाली होगा। हालांकि तब इसे वहम का करार दे दिया गया था। लेकिन हम तब से अब तक का इतिहास देखें तो ये बात काफी हद तक सही है।
3 – 1739 में फारसी शासक नादिर शाह भारत आया और उसने मुगल सल्तनत पर आक्रमण कर दिया। इस तरह मुगल सल्तनत का पतन हो गया और नादिर शाह अपने साथ तख्ते ताउस और कोहिनूर हीरों को पर्शिया ले गया। उसने इस हीरे का नाम कोहिनूर रखा था।
4- 1747 में नादिरशाह की हत्या हो गई और कोहिनूर हीरा अफगानिस्तान शहंशाह अहमद शाह दुर्रानी के पास पहुंच गया।
5- 1830 में अफगानिस्तान का तत्कालीन शासक शूजाशाह किसी तरह कोहिनूर के साथ बच निकला और पंजाब पहुंचा । उसने यह हीरा महाराजा रणजीत सिंह को भेंट किया। इसके बदले महाराजा ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अपनी सेना अफगानिस्तान भेजकर शहशूजा को अपनी गद्दी दिलाने के लिए तैयार कर लिया।
6- कुछ सालों बाद महाराजा रणजीत सिंह की मौत हो गई और अंग्रेज सिख साम्राज्य ने इसे अपने अधीन कर लिया। इसी के साथ यह हीरा ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया। कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन ले जाकर महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया गया।
7- 1852 में उन्हें कोहिनूर की चमक कुछ कम लगी, इसलिए हीरे को दोबोरा तराशा गया, जिससे वह 186.16 कैरेट से घटकर 105.602 कैरेट का हो गया।
8- महारानी विक्टोरिया इसे हीरे के ताज मे जड़वाकर पहनती थीं और यह वसीयत करती थीं कि इस ताज को हमेशा कोई महिला ही पहनेगी। यदि कोई पुरूष ब्रिटेन का राजा बननता है तो यह ताज उसकी पत्नी पहनेगी।
9- कोहिनूर की वर्तमान कीमत 150 हजार करोड़ रूपए है। 105 कैरेट का यह हीरा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताज का हिस्सा है।
10- भारत अकेला देश नहीं है, जो इस हीरे पर दावा जता रहा है। अपने लंबे सफर के बाद यह हीरा कई राजाओं के हाथों से गुजरा है।
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