यदि आपका काम न हो तो लिखें पीएम मोदी को चिट्ठी
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जी हां ऐसा हम इसीलिए कह रहे है क्योंकि आजकल कुछ ऐसा ही हो रहा है। यदि आम व्यक्ति को सरकारी तंत्र से कोई परेशानी होती है तो वो अपनी बात सीधे पीएम मोदी तक पहुंचा रहे हैं। ख़ास बात यह है कि बच्चे हों चाहे बड़े सभी मोदी तक अपनी बात पहुंचाने के लिए चिट्टी का सहारा ले रहे हैं। खुशी की बात तो ये है कि मोदी भी आम व्यक्ति की समस्या को गंभीरता से लेते हैं ओर जल्द से जल्द उस समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं।
यहां हम आपको दो ऐसे मामले बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी समस्या को पीएम से साझा किया। पहले हम आपको बताते है दस साल के मासूम रोहित के बारे में। दरअसल रोहित मध्यप्रदेश के जनकपुर में स्थित प्राइमरी स्कूल में पांचवी का छात्र है। अपने स्कूल में पंखे न होने और टूटी-फूटी इमारत से परेशान होकर रोहित ने पीएम नरेन्द्र मोदी को ख़त लिखा। रोहित ने अपने इस ख़त के ज़रिए मोदी को बताया कि उसके स्कूल में पंखे नहीं हैं इसीलिए स्कूल के सभी स्टूडेंट्स को गर्मी में पढ़ाई करनी पड़ती है। इसके अलावा रोहित ने स्कूल की अन्य परेशानियों के बारे में भी मोदी को बताया। आगे रोहित ने बताया कि स्कूल की इन परेशानियों का असर उसकी और उसके जैसे पचासों बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। ख़त के ज़रिए रोहित ने पीएम मोदी से मदद की गुहार की। पीएम मोदी ने भी रोहित के इस ख़त को गंभीरता से लिया और उन्होंने तत्काल दो कक्षों में तीन पंखे लगवाने के निर्देश जारी कर दिए। इतना ही नहीं रोहित के इस ख़त के बाद मोदी ने स्कूल को सुविधाएं बढ़ाने के लिए चार लाख रुपए की राशि भी दी है।
निरीक्षकों की कमी भी बताई
रोहित ने न सिर्फ़ स्कूल की हालत से पीएम मोदी को अवगत कराया बल्कि उसने निरीक्षकों के व्यवहार के बारे में भी बताया। रोहित का कहना था कि उसके स्कूल का दौरा करने के लिए अधिकारी आते तो हैं लेकिन देख कर वापस चले जाते है। कोई भी स्कूल की हालत पर ध्यान नहीं देता है। मंत्रालय के आदेश के बाद जिला प्रशासन सहित शिक्षा विभाग दंग रह गया कि बच्चे ने पीएम मोदी को पत्र लिख दिया।
माता-पिता करते है मजदूरी
रोहित ने बताया कि उसके माता-पिता बाहर रहकर मजदूरी करते हैं और वे पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। जब उनकी समस्या किसी ने नहीं सुनी, तो उसे पीएम को पत्र लिखना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर मोदी को मुंबई के एक बुर्जुग ने भी चिट्टी लिखी है। इस बुर्जुग का नाम सकरबेन बताया जा रहा है। सकरबेन के बिल्डर ने बिना उनकी जानकारी के उनका फ्लैट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी रख दिया था। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में सकरबेन का फ्लैट जब्त होने की नौबत आ गई थी। हालांकि पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद मामले में बिल्डर के ख़िलाफ़ तिलकनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
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