नगर की 11 बेटियों ने सरहद की पावन माटी से किया तिलक
बड़वानी. मध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण ‘मां तुझे प्रणाम’ योजना के अंतर्गत शहीद भीमा नायक शासकीय महाविद्यालय बड़वानी की 11 बेटीयों ने बाडमेर राजस्थान की मुनाबाव सीमा (अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा) पर पहुंच कर दोनां देशां की सीमा रेखा देखने के साथ-साथ बार्डर पर तैनात भारतीय सैनिको से मिलकर उनके राष्ट्र भक्ति के अनुभवों को सलाम किया। रासेयो के जिला संगठक डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने बताया की 15 अगस्त के दिन इन बेटियों ने देश की सीमा पर पहुंच कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया। साथ ही लौटकर सभी ने अपने-अपने अनुभव को अन्य विद्यार्थियां के साथ सांझा करते हुए उनका तिलक सरहद से लाई हुई मिट्टी से किया।
इस दौरान सरहद से लौटी राजनंदनी गोयल ने कहा की ‘‘मैं अपने सैनिक भाईयों के लिए राखी लेकर गई थी, जो उन्हें बांध कर बहुत खुश हुं’’। गायत्री मिश्रा ने बताया की 15 अगस्त का दिन होने से सैनिकां की गतिविधीयों को देख कर समर्पण, त्याग व राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा मिली। वहीं वर्षा काग, अर्चना राठौड़, वृंदा शर्मा ने बताया की मां तुझे प्रणाम योजना नहीं होती तो हम शायद ही देश की सीमा पर तैनात जवानों का देश प्रेम देख पाते। ज्योति कुमावत, दिपीका बर्डे, चंचला अवास्या ने अपने अनुभव में बताया की देश की सीमा पर जब हमारे सैनिक सबकुछ त्याग कर दिन-रात राष्ट्र की सुरक्षा के लिए पहरेदारी करते हैं तब जा कर हम सुख, चैन, अमन की जिंदगी जी पाते है, निश्चित रूप से बार्डर पर इतनी गर्मी में सेवा देना बहुत कठिन काम है। अभिलाषा अलोने ने कहा की अंतराष्ट्रीय सीमा पर जाकर वहां की गतिविधियां देखने के पश्चात ऐसा लगा की हमें भी किसी न किसी रूप में देश की सेवा करना चाहिए।
इस दौरान महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एन.एल. गुप्ता ने बार्डर पर गईं समस्त बेटियों को बधाई देते हुए उनका सम्मान किया। इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आर.एस. मुझाल्दा, प्रशासनिक अधिकारी डॉ. प्रमोद पंडित, गौरव व्यास, महेन्द्र भाटी, जयदेव धनगर, रश्मि पाटीदार, अंतिम मण्डलोई, रवि पंवार, विजय गेहलोत आदि स्वयंसेक भी उपस्थित थे।