570KM तैरते हुए कानपुर से वाराणसी जाएगी ये 11 साल की जलपरी
कानपुर। जहां रियो ओलिंपिक में भारत कि बेटियों ने देश का नाम रोशन किया वहीं अब कानपुर की एक बच्ची कुछ ऐसा करने जा रही है जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। दरअसल ये 11 साल की श्रद्धा शुक्ला गंगा की उफनती लहरों के बीच कानपुर से वाराणसी तक का सफर तय करने जा रही है। ये नया रिकॉर्ड बनाने के सफर पर रविवार को रवाना हुई श्रद्धा शुक्ला को नन्हीं जलपरी के नाम से भी जाना जाता है।
गौरतलब है कि उफनती गंगा में ये नन्हीं जलपरी कानपुर से वाराणसी के बीच 570 किलोमीटर की दूरी तैरकर करेगी। श्रद्धा रविवार को मैस्कर घाट से बनारस के जल सफर के लिए रवाना हुई। अपने मजबूत इरादे और गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए श्रद्धा कानपुर के मैस्कर घाट से गंगा में उतरी।
4 स्थानों पर रूकेगी नन्हीं जलपरी
नन्हीं जलपरी यानी श्रद्धा ने अपना ये सफर 4 पार्ट में डिवाइड किया है। वो रोज केवल 100 किलोमीटर तैरेगी। इसके लिए वो केवल 4 स्थानों पर रात में रूकेगी। सबसे पहले चण्डिका देवी बक्सर उन्नाव, दूसरा पड़ाव फतेहपुर, तीसरा पड़ाव कौशाम्बी, उसके बाद आखिरी पड़ाव इलाहाबाद होगा।
सुरक्षा का भी खास ख्याल
श्रद्धा की सुरक्षा के लिए भी खास ध्यान रखा गया है। इसके लिए कानुपर से बनारस तक तैराकी के इस सफर के लिए दस गोताखोरों का दस्ता भी गंगा में मौजूद रहेंगे। इमरजेंसी में निपटने के लिए 4 नावें गंगा में हर वक्त तैयार रहेंगी जिसपर नाविक भी साथ मौजूद होंगे, इसमें खाने-पीने का सामान है। इसके अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी नाव में साथ होगी।
नन्हीं सी उम्र में सीखी तैराकी
श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला का कहना है कि श्रद्धा ने केवल ढ़ाई साल की उम्र से तैराकी सीखा है। उन्होंने आगे बताया कि श्रद्धा के बाबा जब गंगा में नहाने जाते थे तो वे उसको भी अपने साथ ले जाते थे। इसी दौरान श्रद्धा की दिलचस्पी तैराकी की ओर हुई और वो कुछ ही महीनों में एक कुशल तैराक बन गई। बता दें कि इससे पहले श्रद्धा कानपुर से इलाहाबाद तक की 270 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है।