12 साल से स्कूल में नहीं बजा राष्ट्रगान, अब गाया तो टीचरों ने दिया इस्तीफा
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भारत में रहते हुए राष्ट्रगान गाने पर पाबंदी। यह पढ़कर आपको हैरानी जरूर हो सकती है लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ है। यह वाकया इलाहाबाद के एक स्कूल में हुआ है। स्कूल का नाम है एम ए कॉन्वेट। विरोध करने पर प्रिंसिपल समेत आठ टीचरो को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। प्रशासन ने इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल इलाहाबाद के इस स्कूल में पिछले बारह सालों से राष्ट्रगान की धुन नहीं बजी है। इस कारण यहां के बच्चों को यह तक नहीं पता है कि हमारे देश का नेशनल एंथम क्या है। इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन का कहना है कि राष्ट्रगान में ’भारत भाग्य विधाता’ के ’भारत’ शब्द से उन्हें परेशानी है। जब तक राष्ट्रगान से ’भारत’ शब्द नहीं हटाया जाएगा तब तक वो स्कूल में इसे गाने नहीं देगें।
फैसले के खिलाफ जाने पर देना पड़ा इस्तीफा
स्कूल के प्रिंसिपल समेत इस्तीफा देने वाले आठ टीचरों का कहना है कि 12 सालों से इस स्कूल में राष्ट्रगान गाने पर बैन लगा हुआ है। इस बार सोचा कि 15 अगस्त को होने वाले प्रोग्राम में नेशनल एंथम भी गाया जाना चाहिए इसलिए हमने यह प्रस्ताव स्कूल प्रबंधन के सामने रखा। इस पर हमें कहा गया कि राष्ट्रगान की एक लाइन जिसमें ’भारत’ को ’भाग्य विधाता’ कहा गया है हमारे धर्म के खिलाफ है भारत हमारा भाग्य विधाता कैसे हो सकता है? जब हमने विरोध किया तो उन्होंने हमें स्कूल से जाने के लिए कह दिया और हमने भी इस्तीफा दे दिया।
अल्लाह हैं हमारे भाग्य विधाता
स्कूल के मैनेजर जियाउल हक़ का कहना है कि ’जन गण मन’ में एक लाइन है ’भारत भाग्य विधाता’ इसमें भारत को भाग्य का विधाता कहा गया है। मुस्लिम धर्म के अनुसार अल्लाह ही हमारे भाग्य विधाता है। और वहीं भारत का भाग्य भी है। यदि मुस्लिम इसे गाता है तो गलत हो जाएगा। प्रिंसिपल मैडम सहित अन्य टीचरों को भी यही कहा गया है कि हम चाहते हैं मुस्लिम बच्चे इसे गाने से बचें।
स्कूल को सरकार से नहीं है मान्यता
जब यह मामला प्रशासन के पास पहुंचा तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या कहा जाए। वैसे प्रारंभिक जांच में चौंका देने वाली बात का पता चला है। जांच में पता चला है कि इस स्कूल को सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की मान्यता नहीं मिली है। स्कूल नर्सरी से आठवीं तक है। जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही उचित कार्यवाही की जाएगी।
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