12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से नष्ट होते हैं पाप
भगवान शिव को देवों के देव महादेव भी कहा जाता हैं। हिंदू धर्म में शिवजी के 1008 नाम हैं। पर लिंग के रुप में शिवजी सबसे ज्यादा पुजे जाते हैं। इन लिंगो को ज्योतिर्लिंग कहा जाता हैं। पूरे देश में शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग प्रसिध्द है जिन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग कहा जाता हैं। पुराणों की माने तो जहां जहां भगवान शिव प्रकट हुए थे उन सभी जगहों पर बने लिंगो को ज्योतिर्लिंग के रुप में पूजा जाता हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा भी माना जाता है ज्योतिर्लिंगों के नाम लेने मात्र से ही सात जन्मों के किए हुए पाप नष्ट हो जाते हैं। तो जानिए इन ज्योतिर्लिंगों के बारें में-
1. सोमनाथ –
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को सबसे पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता हैं। यह गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित हैं। इसका निर्माण चंद्रदेव ने किया था। इस मंदिर से जुडे इतिहास की बात की जाए तो यहां पर भगवान कृष्ण ने देहत्याग किया था। जिसकी वजह से भी इस मंदिर की ओर भी अधिक मान्यता हैं।
2. मल्लिकार्जुन –
यह ज्योतिर्लिंग आंध्रपदेश की कृष्णा नदी के पास स्थित हैं इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता हैं। इस ज्योतिर्लिंग के बारें में यह मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से अनन्त सुखों की प्राप्ति होती है और आवागमन के चक्कर से मुक्ति मिलती हैं।
3. महाकालेश्वर –
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के पास स्थित हैं। इस मंदिर कि ऐसी मान्यता है कि इसके दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। महाभारत और पुराणों मे इस मंदिर की बेहद अच्छा वर्णन किया गया हैं।
4. ओंकारेश्वर –
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित हैं।यहां मामलेश्वर और ऊँकारेश्वर नाम के दो लिंग है पर ये एक लिंग के ही दो स्वरुप हैं। इस मंदिर में धन के देवता कुबेर ने शिवजी की तपस्या की थी और इस शिवलिंग की स्थापना की थी।
5. केदारनाथ –
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के रुद्रप्रयोग जिले में स्थित हैं। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल होने के साथ चार धाम और पंच केदार में भी शामिल हैं। इस मंदिर के बारें में यह कहां जाता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ की यात्रा किए बद्रीनाथ जाता है उसकी यात्रा निष्फल हो जाती हैं। इस मंदिर के दर्शन से समस्त पापों का नाश होता हैं।
6. भीमाशंकर –
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्थित हैं। यहां का शिवलिंग काफी मोटा है जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहां जाता हैं। इस शिवलिंग के पास से भीमा नदी भी स्थित हैं। इस मंदिर के इतिहास का वर्णन शिवपुराण में मिलता हैं।
7. काशी विश्वनाथ –
उत्तर प्रदेश में वाराणसी में श्रीविश्वनाथ का मंदिर स्थित हैं। इस मंदिर के पास से गंगा नदी भी बहती हैं। इस मंदिर के दर्शन और गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
8. त्रयंबकेश्वर –
त्रयंबकेश्वर महाराष्ट्र के नासिक जिले के पास स्थित हैं। इस ज्योतिर्लिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही विराजित है जिसकी वजह से इसकी और अधिक महतता हैं।
9. वैद्यनाथ–
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित हैं। इस ज्योतिर्लिंग के होने से इसका नाम देवघर रखा गया था। यहां आने वाले की सभी मनोकामना पूरी होती है इसिलिए यह सिध्दपीठ हैं। इस लिंग को ’कामना लींग’ भी कहां जाता हैं।
10. नागेश्वर –
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित हैं। नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा जाता हैं।
11. रामेश्वरम –
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित हैं। यह तीर्थ भी चार धामों में से एक हैं। यह तीर्थ हिंद महासागर और बंगाल की खाडी के बिच स्थ्ति हैं। उत्तर में काशी की जो मान्यता है वहीं दक्षिण में रामेश्वरम की हैं।
12. घृष्णेश्वर –
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास स्थित हैं। यह 12 ज्योतिर्लिंग में अंतिम ज्योतिर्लिंग हैं। इस ज्योतिर्लिंग के बारें में यह मान्यता है कि इसका दर्शन लोक- परलोक में बेहद फलदायी हैं।