वो न बोल सकती थी न सुन सकती थी, दरिंदे लूटते रहे इज्जत
कुछ ही दिन हुए है निर्भया के दोषियों की सजा को बरकरार रखने वाले फैसलें को। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आम जनता में खुशी की लहर दौड़ पड़ी लेकिन क्या उन लोगों को इससे कोई सबक मिला जो गैंगरेप जैसी हरकत करते हैं, जो न तो उम्र देखते है और न ही लड़की की मंजूरी। बस गैंगरेप जैसा घिनौना काम कर जाते हैं।
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आखिर क्या सनक सवार हो जाती है जो इस तरह के काम करने पर लोग मजबूर हो जाते हैं। इसका दोषी कौन है इस बात का जवाब तो वो इंसान भी नहीं दे पाएगा जिसने ये घिनौना काम किया है लेकिन इस सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एक घटना और भी ज़्यादा दिल दहला देने वाली सामने आई है, जिसे छुपाकर रखना बेमानी होगा।
ये घटना पश्चिम बंगाल के मालदा की है जहां पर एक 14 साल की लड़की के साथ गैंगरेप जैसा घिनौना काम किया गया। आपको बता दें कि ये लड़की न तो बोल सकती थी और न ही सुन सकती थी। इसकी शिकायत पुखुरिया पोलिस स्टेशन में करवाई गई है। जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने शराब के नशे में ये सब किया है।
एनआई पर छपी एक ख़बर के मुताबिक शनिवार की शाम को पीड़िता अपनी छोटी बहन के साथ आम के बगीचे में आम लेने गई थी। वहां कुछ शराबी आदमियों ने उन्हें देखा तो वे उन्हें पकड़कर ले जाने लगे। पीड़िता की छोटी बहन तो उनके चंगुल में नहीं आई लेकिन जो बेचारी बोल सुन नहीं सकती थी। उसे वे पकड़कर दूसरे आम के बगीचे में ले गए।
छोटी बहन भागकर गांव की ओर गई और वहां पर लोगों को बताया तो लोग भागे-भागे आए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लड़की बेसुध हालत में आम के बगीचे में पड़ी थी और उसकी बॉडी से खून बह रहा था। लोगों ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसे मेडिकल टेस्ट के लिए रेफर किया।
गैंगरेप करने वाले आरोपी अभी भी खुलेआम सीना तान कर घूम रहे हैं क्योंकि उन्हें उन दोनों लड़कियों के सिवाय किसी ने नहीं देखा। पुलिस सभी के बयान के आधार पर अपनी जांच कर रही है। आरोपियों को पुलिस का डर है या नहीं इस बात का हवाला नहीं दिया जा सकता लेकिन इस तरह की घटनाएं आज भी समाज की विकृत सोच को दर्शाती है।
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