गांव के नाम से होती थी शर्मिन्दगी, 14 साल की लड़की ने ऐसे बदलवाया नाम
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इस गांव का नाम बदलने का श्रेय यहां की पंचायत या यहां के लोगों को नहीं बल्कि 14 साल की हरप्रीत को जाता है जो अपने कजिन्स से परेशान थी। हरप्रीत ने वो कर दिखाया जिसे यहां की पंचायत भी न कर सकी। हरप्रीत ने 2015 दिसंबर में पीएम मोदी को नाम बदलने की विनती करते हुए चिठ्ठी लिखी और बताया कि उसके गांव के लोगों को किस तरह शर्मिन्दा होना पड़ता है।
हरप्रीत ने जब पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखने की बात अपने माता-पिता को बताई तो उसे खूब डांट पड़ी। उसके पिता ने कहा था कि वह परिवार के लिए बेवजह ही परेशानी न खड़ी करे। हरप्रीत आठवी क्लास में पड़ती है और उसके पिता गुरजीत सिंह मलकट और मां सुखपाल कौर दूसरों के खेतों में काम करते हैं और महीने में करीब 6000 रूपए कमा लेते है।
इस गांव में करीब 2500 लोग रहते है। इस गांव का नाम बदलने की पहल साल 1989 में भी की गई थी लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया था। लेकिन जब हरप्रीत ने सीधे पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखी तो पीएमओ ने उसका जवाब दिया और हरियाणा सरकार को मामले में दखल देने के लिए कहा। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने इस गांव का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
गांव का नाम बदलने के कारण गांव के सरपंच और सभी लोग काफी खुश है। नाम बदल जाने के कारण अब उन्हें किसी के सामने शर्मिन्दा नहीं होना पड़ेगा। गांव के सरपंच और लोगों को 14 साल हरप्रीत पर गर्व है और वे उसे 26 जनवरी को सम्मानित भी करेंगे। हरप्रीत सभी के बारे में काफी कुछ सोचती हैं उसने बताया कि वह अपने गांव में गर्ल्स स्कूल और पशु चिकित्सालय के चारों ओर बाउंड्री वाल बनवाना चाहती है।
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