राहुल की ‘खाट पंचायत’ में बंटे 15 लाख रुपए के चेक
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की खाट पंचायत में 15 लाख रुपए के चेक बांटे गए हैं। यह पढ़कर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन वास्तव में राहुल की पंचायत में कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल राहुल ने गुरुवार को रामपुर में खाट पंचायत की। इस पंचायत के दौरान ही एक व्यक्ति गांव वालों को 15 लाख रुपए के फर्जी चेक बांट रहा था। लोगों को जब पता चला कि इस पंचायत में चेक बांटे जा रहे है तो उनमें चेक पाने की होड़ सी मच गई। लेकिन जब उन्होंने चेक देखा तो उनके होश उड़ गए।
चेक पर कुछ ऐसा लिखा हुआ था
बांटे जा रहे चेकों पर कंगाल बैंक इंटरनेशनल लिखा हुआ था। इसके साथ ही इस पर पर भारतीय जुमला पार्टी भाजपा भी लिखा हुआ था। यहां तक की इस चेक पर नंबर 420 और डेट- 32/13/5015 लिखी हुई थी। इन चेक पर फेंकू नमो लिखा हुआ था। बैंक का पता गली धोखाधड़ी, झूठ का बाजार, हवा हवाई, बंगला न 00 लिखा है। चेक नम्बर भी 420 है। काला धन खाते से दिया गया चेक फर्जी निकलने पर ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि जब से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खाट पंचायत कर रहे हैं तब से आए दिन उनकी सभा या फिर रैली में कोई न कोई हंगामा हो ही रहा है। पहले उनकी सभा से खाट चोरी होना, फिर उन पर जूता वार, बुधवार को बरेली रोड शो के दौरान राहुल की सुरक्षा में लगे एसपीजी सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय नेताओं के बीच जमकर मारपीट होना और अब रामपुर की सभा में फर्जी चेकों का बंटना। ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि ये सब महज इक्तेफाक है या फिर मीडिया को अट्रैक करने के तरीकें।
राहुल ने पीएम मोदी पर किया कटाक्ष
रामपुर में खाट सभा के दौरान राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ”मोदी जी को 2.5 साल से किसान की याद नहीं आई। मेरी यात्रा के बाद अब वो कह रहे हैं कि किसानों से बात करेंगे। क्या हमारे प्रधानमंत्री किसान के घर जाने से डरते हैं? उससे गले लगने से डरते हैं?” अपनी पार्टी की तारीफ़ करते हुए राहुल ने आगे कहा, ”कांग्रेस किसी एक जाति की पार्टी नहीं है। ये सबकी पार्टी है और कांग्रेस पार्टी ही सबका काम कर सकती है। कांग्रेस ही यूपी को बदल सकती है।’ इससे पहले चमरौआ में रैली को संबोधित करते हुए कहा, ’यूपी में सरकारों को ये नहीं पता कि कैसे शिक्षा को चलाना है। कैसे अस्पताल चलाना है। उन्हें केवल ये पता है कि कैसे कॉन्ट्रैक्टर से पैसा कमाना है। किसान के बच्चे को भी डॉक्टर, इंजीनियर बनने का उतना ही मौका मिलना चाहिए, जितना किसी अफसर के बच्चे को मिलता है।”