197 देशों ने ग्रीन हाउस गैस की कटौती करने पर दी सहमति
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने वाले करार को ऐतिहासिक स्वीकृति मिल गई है। जी हां भारत समेत विश्व के तकरीबन 197 देश हाइड्रोफ्लूरोकार्बन (एचएफसी) गैसों के उत्सर्जन को चरणबद्ध तरीके से कम करने पर सहमत हो गए हैं। बता दें कि इसमें दुनिया के दो सबसे बड़े प्रदूषक देश अमेरिका और चीन भी शामिल हैं।
जलवायु परिवर्तन नियंत्रण की दिशा में है बड़ा कदम
इस समझौते को जलवायु परिवर्तन नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रमुख एरिक सोलहेन ने इस मौके पर कहा, ”पिछले साल पेरिस में दुनिया को जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब दुष्प्रभावों से सुरक्षित रखने का वादा किया गया था। आज (शनिवार) उसी वादे पर तमाम देश आगे बढ़े हैं।”
बता दें कि पहले गुट समझौते को 2024 से और दूसरे गुट समझौते को 2028 से अमल में लाया जाएगा। इस गुट में भारत, ईरान, इराक, पाकिस्तान और खाड़ी के देश दूसरे गुट में शामिल हैं। गर्म जलवायु और लगातार बढ़ते मध्यवर्ग के चलते विकासशील देशों ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। भारत को फैलते उद्योगों को नुकसान पहुंचने का भी अंदेशा है। विकसित देश एचएफसी गैसों के उत्सर्जन में दस फीसद की कटौती के साथ समझौते के प्रावधानों को साल 2019 से अमल में लाएंगे। वर्ष 2036 तक इस आंकड़े को 85 फीसद तक लाया जाएगा। कुछ विकसित देशों ने तो कटौती शुरू भी कर दी है। इस मसले पर विकासशील देश दो खेमों में बंट गए हैं।