2500 किमी. दूर पिता से मिलने पहुंची नौ साल की दो बच्चियां
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दूसरे बच्चे जब अपने पापा के साथ जिंदगी को खुल कर जीते खाते-पीते, घूमते-फिरते और मजे लेते तो उन्हें देख कर हमारा मन भी करता था कि हम भी औरों की तरह अपने पापा के साथ वक्त बिताएं। यह कहना है अपने घर से 2500 किमी. दूर पिता से मिलने पहुंची नौ साल की दो बच्चियों का। जिनका नाम अनिषा और पेमा शेरपा हैं। दोनों का घर मेघालय में हैं। और दोनों ही तीसरी क्लास में साथ पढ़ती हैं।
दोनों के पिता हैं फौज में
यह पढ़कर आप सोच रहे होगें कि आखिर इतनी कम उम्र की ये दो बच्चियां अपने घर से कब, कैसे और क्यों निकली ? और वो भी सिर्फ अपने पिता से मिलने के लिए।
तो आपको बता दे कि इन दोनों के ही पिता फौज में हैं और अभी उनकी ड्यूटी कश्मीर में लगी हुई हैं। इस कारण वो ज्यादा समय तक अपने पिता के साथ समय नहीं बीता पा रहीं थी ।
इसीलिए चार अगस्त को अनीषा अपनी दोस्त पेमा के साथ अपने पिता की तैनाती की जगह, प्लाटून नंबर और एड्रेस लेकर घर से निकली।
शिलांग से गुवाहाटी तक दोनों टाटा सूमो की मदद से पहुंची। और फिर गुवाहटी स्टेशन से दिल्ली पहुंची। हालांकि इन दोनों के पास टिकट नहीं था। दिल्ली पहुंचने के बाद दोनों ही पाकिस्तान बॉर्डर पर जाने वाली ट्रेन में बैठने वाली थीं लेकिन भीड़ ज्यादा होने और वहां की भाषा समझ में न आने के कारण दोनों ट्रेन में नहीं चढ़ पाई।
और स्टेशन पर भटकने लगी। इसी बीच आरपीएफ अधिकारी नितिन मेहरा और सुनील चौबे की नजर इन दो मासूम बच्चियों पर पड़ी। पास आकर उन्होंने अनिषा और पेमा से पूछा कि वो दोनों यहां क्या कर रही हैं?
इस सवाल के जवाब में दोनों बच्चियों ने चौंका देने वाली बात कही। दोनों ने कहा कि वो अपने पिता से मिलने के लिए पाकिस्तान बॉर्डर पर जा रही हैं और किसी के रोकने से वो दोनो रूकेंगी नहीं। ये सुनने के बाद आरपीएफ के दोनों अधिकारी उन्हें बिना बताए थाने ले गए। इस दौरान उन्होंने बच्चियों को चिप्स और कोल्डड्रिंक्स भी लाकर दी। और धीरे-धीरे उनसे सारी बातें पूछी। दोनों ने बताया कि उनके पापा बीएसएफ में हेड कांस्टेबल हैं। और वे उनके साथ कम समय बिताते है वे दूसरे बच्चों को देखते है तो उनका भी मन करता है कि वो भी अपने पिता के साथ घूमे, फिरे और मस्ती करें। इसीलिए वे इतनी दूर आई हैं।
वहां के थाना इंचार्ज आरके लाकड़ा ने तुरंत सारी बातें बीएसएफ मुख्यालय और शिलांग पुलिस को बताई। इसके बाद तुरंत ही इन दोनों बच्चियों को उनके पापा से मिलने का प्रबंध किया गया। उन्हें बीएसएफ कैंप स्थित महिला बटालियन के सुपुर्द किया गया और फिर यहीं से दोनों अपने-अपने पिता से मिली। हालांकि इसके बाद दोनों को उनके घर भेजा गया।
दोनों के पिता को एक महीने की छुट्टी
बीएसएफ कमांडेड शुभेंद्र भारद्वाज ने बताया कि दोनों के पिता को विशेष छुट्टी मंजूर की है और परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका दिया हैं।
सात दिन पहले ही लौटे थे पेमा के पिता
पेमा के पिता पी शेरपा के अनुसार वे सात दिन पहले ही ड्युटी पर आए थे पर लौटे थे इसके बावजूद उन्हें फिर से एक महीने की छुट्टी मिल गई है।
क्राइम ब्रांच तलाश कर रहीं थी दोनों बच्चियों को
इस पूरे मामले से बेखबर शिलांग पुलिस बच्चियों को ढूढने में लगी हुई थी बच्चियों को जानने वाले लोगों ने लापता होने की एफआईआर शिलांग के रिंजहा थाने में दर्ज करवाई थी। और कुछ ही दिनों पहले थाने का घेराव भी किया था इसे देखते हुए जांच एसपी क्राइम को सौपी गई थी।
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