27 करोड़ स्टूडेंट्स एक साथ गाएंगे राष्ट्रगान
देश को गुलामी के बंधनों से मुक्त कराने में हमारे देश के नागरिकों ने अपनी जान दे दी लेकिन आज बहुत कम ही लोग ऐसे है जो उन शहीदो के बारे में जानते हों। देश के नागरिकों, खासकर युवा पीढ़ी का यह फर्ज़ है कि वे आज़ादी के आंदोलन में अपना सब कुछ दांव पर लगाने वाले लोगों के बारे में जाने। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर आगामी 23 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों से ‘तिरंगा यात्रा’ का समापन होगा। इस प्रोग्राम के अनुसार देशभर के लगभग 27 करोड़ स्टूडेंट्स एक साथ राष्ट्रगान गाएंगे।
आपको बता दें कि मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से ये प्रोग्राम रखा गया है। ये बात खुद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही। उन्होंने कहा हम देशभर के लोगों को खासकर नयी पीढ़ी को जागरूक कर सकें इसीलिए हम ये तिरंगा यात्रा लेकर आए हैं।
दरअसल जावड़ेकर गोरखपुर कारागार में आयोजित कार्यक्रम में देश के शहीदों पर बात कर रहे थे। जावड़ेकर ने रामप्रसाद बिस्मिल के बारे में कहा कि मात्र 23 साल की उम्र में बिस्मिल को फांसी दे दी गई। बिस्मिल ने ढेर सारी किताबें लिखी लेकिन उन पर अब तक रॉयल्टी तक नहीं दी गई। जावड़ेकर उस जगह पर भी गए जहां बिस्मिल को फांसी दी गई थी। बिस्मिल के अलावा जावड़ेकर ने तमाम शहीदों को याद करते हुए कहा कि आज़ादी की लड़ाई में जो क्रांतिकारी शहीद हुए हैं, देश की युवा पीढ़ी का यह फर्ज़ है कि उनके बारे में जानें और उनके बताए रास्ते का अनुसरण करें। जावड़ेकर ने काकोरी कांड, चौरी-चौरा आंदोलन का भी ज़िक्र किया। साथ ही चौरा-चौरी आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिजनों को भी सम्मानित किया।