पीएम मोदी के फोटो की कीमत सिर्फ 500 रूपए, जियो पर लगा जुर्माना
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कुछ दिनों पहले ही रिलायंस ने जियो सिम लॉन्च करके देश की टेलीकॉम व्यवस्था में नई क्रांति ला दी। अपने लुभावने ऑफर्स के दम पर जियो सबसे ज़्यादा बिकने वाली सिम बन गई। कुछ दिनों पहले ही मुकेश अंबानी ने मार्च तक नए ग्राहकों को फ्री इंटरनेट और कॉलिंग का ऑफर दिया जिससे जियो के ग्राहक बढ़ने की संभावना और है।
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जियो की शुरूआत में जब प्रिंट विज्ञापन दिए गए थे तो इन विज्ञापनों में पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल का मामला सामने आया था। विपक्षी पार्टियों ने भी इस बात को लेकर काफी हंगामा किया था। आपको बता दें कि इस मामले से जियो सिर्फ 500 रूपए का जुर्माना देकर बच जाएगा। जियो ने जिस तरह पीएम मोदी के फोटो का प्रयोग किया है उसे सिर्फ इतना ही जुर्माना देना है।
राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों के गलत इस्तेमाल को लेकर बने 1950 के कानून के तहत इस मामले में इतना ही जुर्माना लगाया जा सकेगा। बता दें कि रिलायंस जियो के विज्ञापन में पीएम की तस्वीर छापे का राजनीतिक दलों ने जमकर विरोध किया था। किसी निजी कंपनी के विज्ञापन में बिना अनुमति के प्रधानमंत्री की तस्वीर छापे जाने को राजनीतिक दलों ने असंवैधानिक बताते हुए विरोध जताया था।
पीएम ऑफिस से नहीं कोई शिकायत
पीएम मोदी की तस्वीर प्रयोग करने के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया है कि ’इस बारे में पीएम मोदी के ऑफिस की ओर से कोई अनुमति जारी नहीं की गई।’ इस पूरे मामले में रिलायंस जियो ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज शेखर के सवाल के जवाब में राठौड़ ने कहा कि सरकार को इस बात की जानकारी थी कि रिलायंस जियो ने पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल अपने में किया है।
संसद में विपक्षी नेताओं के सवालों के जवाब में राठौड़ ने कहा कि कंज्यूमर अफेयर्स, फूड ऐंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्ट्री की ओर से राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों के गलत इस्तेमाल के मामलों की निगरानी की जाती है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कंपनियों द्वारा पीएम मोदी के तस्वीर के गलत इस्तेमाल को लेकर विभाग को अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। एक अधिकारी ने कहा कि यदि विज्ञापन में किसी भी तरह से कानून का उल्लंघन पाया जाता है तो जरूरी उठाएंगे।
इन चिह्नों और नामों के इस्तेमाल से पहले जरूरी है अनुमति
ऐक्ट के सेक्शन-3 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने व्यापारिक या कारोबारी उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों का केंद्र सरकार या सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए बिना इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस ऐक्ट के तहत करीब तीन दर्जन नामों और चिह्नों की सूची तैयार की गई है, जिनका कोई व्यक्ति सरकारी अनुमति के बिना अपने कारोबारी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। इनमें देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य के, भारत सरकार या कोई प्रदेश सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र हैं।
पेटीएम ने भी किया था उपयोग
कुछ दिनों पहले ही नोटबंदी के बाद जब पीएम मोदी ने कैशलेस इंडिया की बात कही थी तभी पेटीएम ने भी पीएम मोदी के फोटो का उपयोग अपने विज्ञापन के लिए किया था। पेटीएम ने भी जियो की तरह ही इस विज्ञापन में पीएम मोदी के फोटो का प्रयोग कर प्रिंट विज्ञापन अखबारों में छपवाए थे।
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