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Tuesday, January 30th, 2018 12:30 PM
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कुपोषणता से जूझ रहे देश में 51 फीसदी महिलाओं में है खून की कमी: रिपोर्ट




कुपोषणता से जूझ रहे देश में 51 फीसदी महिलाओं में है खून की कमी: रिपोर्टHealth & Food

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भारत बड़ी संख्या में कुपोषणता से जूझ रहा है। यहां नवजात बच्चों के साथ उनकी मां में भी स्वास्थ्य के प्रति कुछ कमियां देखी जा रहा है, जिसका असर सीधे-सीधे उनके बच्चों पर पड़ रहा है। हाल ही में जारी हुई द ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2017 में सामने आया है कि भारत की महिलाएं बड़ी संख्या में खून की कमी से जूझ रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आधी से ज्यादा मां बनने में सक्षम महिलाएं एनीमिया की मरीज हैं। इनकी संख्या हर साल बढ़ रही है। इस रिपोर्ट में 140 देशों में कुपोषण के तीन कारणों पर प्रमुख रूप से चर्चा की गई है। जिसमें पहला बचपन में डवलपमेंट न होना, दूसरा मां बनने में सक्षम महिलाओं में खून की कमी होना और तीसरा महिलाओं में लगातार मोटापा बढऩा। हैरत वाली बात ये है कि इन तीन कारणों से अस्वस्थ हो रहीं महिलाओं के बच्चों पर खास असर पड़ रहा है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो पांच साल से कम उम्र के 38 फीसदी बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं। इसमें ज्यादातर मामलों में बच्चों की लंबाई उम्र के हिसाब से कम रह जाती है और दिमाग भी उम्र के अनुसार डवलप नहीं हो पाता। यानि की ऐसे बच्चे मानसिक रूप से बीमार ही रहते हैं। इस रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के मुताबिक ऐसे बच्चों की संख्या 21 फीसदी है। वहीं 51 फीसदी महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। इस बीमारी के कारण मां और बच्चे दोनों पर बुरा असर पड़ता है।

मोटापे की शिकार महिलाएं-

रिपोर्ट की मानें तो भारत की 22 फीसदी व्यस्क महिलाएं मोटापे से पीडि़त हैं। 22 फीसदी महिलाओं का वजन बढ़ा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार वजन बढऩे को लेकर महिलाएं अवेयर हो रही हैं, लेकिन अब भी ज्यादा अंतर नहीं आया है। लाइफस्टाइल में शामिल खान-पान के कारण वजन बढ़ रहा है। वहीं महिलाएं रैगुलर एक्सरसाइज और वॉक भी कम करती हैं, जिसके चलते वजन घटने के बजाए और बढ़ रहा है।

भारत में फैल रहा है स्ट्रैप्टोकोकस वायरस-

भारत में एक वायरस महिलाओं में काफी फैल रहा है, जिसका नाम है स्ट्रैप्टोकोकस ग्रुप बी। ज्यादातर ये वायरस गर्भवती महिलाओं में देखा जा रहा है। अन्य देशों की तुलना में ये भारत में गर्भवती महिलाओं में सबसे बड़ी संख्या में देखा जा रहा है। ये वायरस इतना खतरनाक है कि मां के अंदर इसके फैलने से हर साल डेढ़ लाख नवजात बच्चों की मौत हो रही है। ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसन द्वारा 2015 में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में पांच देश सबसे ज्यादा पीडि़त हैं। जिसामें भारत समेत चीन, नाइजीरिया, अमेरिका और इंडोनेशिया शामिल हैं। भारत में 24.66 लाख महिलाएं इसकी शिकार हैं।

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