Monday, September 25th, 2017 02:48:06
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लोकसभा अध्यक्ष के साथ बदसलूकी, कांग्रेस के 6 सांसद निलंबित




Politics

6 MPs suspended for misbehaving with Lok Sabha Speaker

गौ-रक्षा के नाम पर हिंसा को लेकर सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस पर सोमवार को BJP ने ‘बोफोर्स’ के हथियार से पलटवार किया। मॉब लिंचिंग पर चर्चा की मांग कर रही कांग्रेस पर BJP ने बोफोर्स की फिर से जांच का अस्त्र चला दिया। फिर क्या था, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर चालू हो गया। आक्रोशित कांग्रेसी सदस्यों ने स्पीकर की ओर कागज फाड़कर उछाल दिए।

इन 6  सांसदों को निलंबित किया महाजन ने

इससे नाराज लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के 6 सांसदों को उनके अनुचित व्यवहार के लिए 5 मीटिंग्स के दौरान निलंबित कर दिया। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है- उनमें गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, सुष्मिता देव, एम. के. राघव और के. सुरेश शामिल हैं। इसके बाद हुए हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही सत्र के 6ठे दिन भी नहीं चल पाई है।

हमारे एक पूर्व पीएम और स्वीडन की पूर्व पीएम के बीच लेनदेन हुआ

लोकसभा में आज अर्थात सोमवार का दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का रहा। कांग्रेस, वाम दलों और कुछ विपक्षी सांसदों ने देश में गौ-रक्षा के नाम पर कथित गौ-रक्षकों द्वारा लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं का मुद्दा सोमवार को भी उठाया और जमकर हंगामा किया। इसके जवाब में BJP ने बोफोर्स के जिन्न को बोतल से बाहर निकालकर कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलने की रणनीति अपनाई। BJP की तरफ से मोर्चा मीनाक्षी लेखी ने संभाला। उन्होंने टीवी चैनलों को हवाला देते हुए बोफोर्स मामले की फिर से जांच की मांग की। लेखी ने कहा कि बोफोर्स की जांच करने वाले शख्स के मुताबिक हमारे एक पूर्व पीएम और स्वीडन की पूर्व पीएम के बीच कुछ लेनदेन हुआ था। लेनदेन के दस्तावेज आज भी भारत सरकार के डिब्बों में बंद हैं।

बोफोर्स का जिन्न विधिवित दफन होना चाहिए – BJP

लेखी ने आगे कहा कि यह कहना कि पुराना मुद्दा और गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाने चाहिए, इस पर मेरा यह कहना है कि गड़े मुर्दे जब तक सही तरीके से विधिवत तरीके से दफन नहीं होते, तब तक वे भूत पिशाच बनकर घूमते रहते हैं। आजकल बोफोर्स का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है और जो वापस बोतल से बाहर आया, उसे विधिवित दफन होना चाहिए। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने प्रश्नकाल के बाद किसी भी विषय पर बात रखने की अनुमति देने का आश्वासन दिया है, लेकिन विपक्ष चर्चा ही नहीं चाहता।

गौ-रक्षा के नाम पर हमलों और कथित हत्याओं पर रोक लगे

इसके पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और TMC सदस्य आसन के सामने आकर गौ-रक्षा के नाम पर हमलों और कथित हत्याओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग करने लगे। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। लोकसभा अध्यक्ष ने इन सदस्यों से अपने स्थान पर जाने कहा और आश्वासन दिया कि शून्यकाल में उन्हें अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दी जाएगी।

हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चला

सुमित्रा ने कहा कि सदन को संचालित करने के नियम सभी ने मिल कर बनाए हैं और सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे इन नियमों का पालन करें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि मुद्दे को उठाने का यह कोई तरीका नहीं है और वे प्रश्नकाल स्थगित कर उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति बिलकुल नहीं देगी, लेकिन शून्यकाल में जरूर वह ऐसा करेगी। हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चला और कई मंत्रियों ने अपने विभागों से संबंधित सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया। हालांकि हंगामे के बीच मंत्रियों के जवाब ठीक से नहीं सुने जा सके। कांग्रेस के सदस्य आसन के पास बैठकर नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस को झिड़का – “चर्चा ही नहीं चाहते हो”

प्रश्नकाल के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि वे आसन के माध्यम से सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे से अनुरोध करते हैं कि विपक्ष के सांसद आसन के पास न बैठें और और अपनी-अपनी सीट पर चले जाएं। कुमार ने कहा कि जैसा कि हम सबने तय किया है कि मिलकर प्रश्नकाल चलाएं। सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। हम किसी विषय पर चर्चा से मुकर नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरह पिछले हफ्ते हमने कृषि पर चर्चा की थी, उसी तरह इस विषय (कथित गौ-रक्षकों द्वारा किए हमलों) पर भी चर्चा कर सकते हैं। इस बीच नाराजगी जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वे चर्चा ही नहीं चाहते।

सोनिया और राहुल गांधी सदन में उपस्थित थे

उन्होंने विपक्षी कांग्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि मैंने शुरू में ही कहा था कि प्रश्नकाल के बाद इस विषय पर बोलने की अनुमति दी जाएगी। अगर आप चर्चा चाहते तो इस तरह से हल्ला नहीं करते। आप केवल हल्ला चाहते हैं। इसके बाद आसन के पास बैठे कांग्रेस के सदस्य खड़े हो गए, लेकिन उनकी नारेबाजी जारी रही। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रश्नकाल के बीच सदन में पहुंचे थे।

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