विश्व जल दिवस : 7.6 करोड़ भारतीय पीने को मजबूर हैं गंदा पानी
प्रकृति के द्वारा मानवता के लिए पानी एक अनमोल उपहार है। लेकिन हमारे आसपास ऐसे कई लोग होंगे जो पानी की महत्ता को बिना समझे ना जाने कितने लीटर पानी यूं ही बर्बाद कर देते हैं। पानी की कीमत तो उन लोगों से पूछो जो गंदा पानी पीकर अपना जीवन काट रहे हैं। जी हां, दुनियाभर के देशों की तुलना में भारत के सबसे ज्यादा लोगों तक साफ-सुथरा पानी नहीं पहुंचता। करीब 7.6 करोड़ भारतीय गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। इसके बाद चीन का नंबर आता है। टॉप 10 देशों की लिस्ट में बांग्लादेश का 8वां और पाकिस्तान का 10वां स्थान है। इसका खुलासा वॉटर एड नाम की एक संस्था की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इसकी बड़ी वजह साफ पेयजल का सरकार की प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल न होना है।
जल से जुड़े ये खास पहलू पर जरूर डालें नजर-
– 22 लाख मौतें दुनिया में हर साल होती हैं, वो भी जल से जुड़ी बीमारियों के कारण।
– विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 लोगों को साफ पानी नहीं मिल पाता है।
– 18 लाख बच्चे दम तोड़ देते हैं हर साल, केवल पानी की कमियों और बीमारियों के कारण।
– 4 करोड़ भारतीय पानी से संबंधित बीमारी से ग्रसित होते हैं।
– 6 लाख बच्चों की मौत देश में पानी की कमी और प्रदूषित पानी के चलते होती है।
– 75 प्रतिशत वॉटर पॉल्यूशन का कारण सीवेज है।
– 2800 गुना बढ़ गया है गंगा में बैक्टीरिया का लेवल।
– 80 फीसदी यमुना दिल्ली में ही प्रदूषित होती है।
– दिल्ली , मुंबई और चैन्न्ई जैसे महानगरों में पाइप लाइनो की खराबी के कारण रोज 17 से 44 प्रतिशत पानी सड़कों व नालियों में बेकार बह जाता है।
और हम कर रहे हैं पानी की बर्बादी-
कई लोग जहां गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं, वहीं हम न जाने कितना स्वच्छ पानी हर रोज बर्बाद कर देते हैं। एक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ पानी की जरूरत होती है। लेकिन 88.4 करोड़ लोगों को इस जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्स्सा भी नहीं मिल पाता है। एक रिसर्च के अनुसार दुनिया में सिर्फ 20 प्रतिशत लोगों को ही पीने के लिए साफ पानी मिलता है।
जानिए कितना पानी बर्बाद कर रहे हैं आप-
– ब्रश करते समय यदि नल खुला रह गया तो तो पांच मिनट में करीब 25 से 30 लीटर पानी बर्बाद होता है।
– बाथ टब में नहाते समय 300-500 लीटर पानी खर्च होता है। जबकि सामान्य रूप से नहाने में 100-150 लीटर पानी खर्च होता है।
– खाना बनाने, नहाने , कपड़े धोने व सफाई में भी बहुत पानी खर्च होता है।
इन तथ्यों को पढ़कर आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि भविष्य में यदि जल की समस्या से बचना है, तो जल सरंक्षण ही सरल उपाय है। पानी की कमी के कारण विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा मुश्किलों का सामना किए जाने के कारण पर्यावरण , विश्व और जीवन को बचाने के लिए हमें जल संरक्षण करना सिखाता है साथ ही जल को स्वच्छ रखना भी।
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