2 दिन में बिके 7 लाख BS-3 व्हीकल्स
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सारे देश में भारत स्टेज-3 (BS-3) मानक वाले व्हीकल्स की बिक्री 01 अप्रैल से बेन करने के आदेश के बाद, 30 एवं 31 मार्च वाले दो दिनों में ऐसे 7 लाख से ज्यादा व्हीकल्स बिक गये थे। सर्वोच्च अदालत का अादेश 29 मार्च को आया था जिसमें उनसे साफ कर दिया कि 01 अप्रेल से देश में BS-3 व्हीकल्स की सेल्स एवं RTO रजिस्ट्रेशन पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा। उस समय देश में 8 लाख से ज्यादा BS-3 व्हीकल्स थे जिनमें अधिकतर दुपहिया वाहन थे।
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन SIAM के DG विष्णु माथुर ने बताया कि 01 अप्रैल को देश में सिर्फ 1 लाख 20 हजार BS-3 व्हीकल्स ऐसे बचे थे, जो बिक नहीं पाए थे. जिनमें अधिकतर डीलरों के पास हैं क्योंकि कंपनियों ने पहले से ही क्रमबद्ध तरीके से इनका प्रोडक्शन बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि इन अनसोल्ड व्हीकल्स की कुल कीमत तकरीबन 5000 करोड़ रुपये है। इस प्रकार अंतिम दो-तीन दिन में करीब 7 लाख BS-3 वाहन बेचे गये, जो मार्च में बिके कुल 18,80,352 वाहनों का 37.23 प्रतिशत है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद या टू-व्हीलर डीलरों ने भारी छूट पर BS-3 व्हीकल्स की बिक्री शुरू कर दी जिससे 31 मार्च तक तकरीबन 7 लाख BS-3 व्हीकल्स बिक गये। बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया और सुजुकी मोटरसाइकिल के टू-व्हीलर 22000 रुपये तक की छूट पर बेचे गये। कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्हीकल्स निर्माता कंपनियों का तर्क था कि 01 अप्रैल से BS-3 व्हीकल्स का उत्पादन प्रतिबंधित होना चाहिये , ना कि उनकी सेल या रेजिस्ट्रेशन। श्री माथुर ने कहा कि कंपनियों को कहीं न कहीं यह एहसास भी था कि कोर्ट का आदेश उनके खिलाफ जा सकता है और इसलिए उन्होंने इंवेंट्री नहीं बढ़ाई थी।
श्री माथुर ने कहा कि भारी छूट पर व्हीकल्स बेचने से ऑटो इंडस्ट्री को करीब 1,200 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का लॉस हुआ है। उन्होंने बताया कि अनसोल्ड वाहनों में जो मॉडल एक्सपोर्ट किये जा सकते हैं, उन्हें एक्सपोर्ट कर नुकसान यथासंभव कम करने का प्रयास किया जा सकता है।
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