छात्रों को परीक्षा में नकल करते हुए आप ने कई देखा होगा। लेकिन इस बार छात्रों ने नकल ना कर पानें पर परीक्षा की कॉपियां खाली छोड़ दी । जी हां, आगरा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ऐसा शहर के नकल गिरोह की बातों में आकर किया । छात्रों को लगा था कि वह हर साल की तरह ही इस साल भी गिरोह की सहायता से पास हो जाएंगें, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
दरअसल, आगरा के भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के नए वीसी अरविंद दीक्षित ने चार्ज संभालने के बाद से ही सख्त कदम उठानें शुरु कर दिये थे। लेकिन शहर में सक्रिय नकल करवाने वाले गिरोह ने छात्रों को सलाह दी थी कि वह कॉपियां खाली छोड़कर आ जाएं और उन्हें जुगाड़ कर पास करवा दिया जाएंगा। लेकिन इस बार बात नहीं बन पाई। यूनिवर्सिटी के सख्त नियम-कानून होने के चलते इस बार गिरोह नकल करवाने में नाकामयाब रहा। नतीज़न यूनिवर्सिटी के पॉच-वर्षीय इंटीग्रेटिड लॉ के परीणाम सामने आएं, जिसमें 90 प्रतिशत छात्र फेल हो गए है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि अभी 15,000 छात्रों का परिणाम 20 जनवरी तक घोषित होगें।
यूनिवर्सिटी ने इस बार नकल रोकने के लिए कई निय़म बनाएं थे। नए नियम के अनुसार प्राइवेट कॉलेजों पर भरोसा न करते हुए नोडल सेंटरों पर परीक्षां कराई। और छात्रों की कॉपी रिटायर्ड शिक्षकों की निगरानी में जांचने का निर्णय किया था। नियम लागू होने के बाद प्रशासन ने छात्रों की खाली कॉपियां देखकर हैरत में पड़ गई। कुछ कॉपीयों में थोड़ा-बहुत लिखा भी गया था, लेकिन बहुत से कॉपीयों में कुछ भी नहीं लिखा था। वीसी के आदेश पर यूनिवर्सिटी ने सभी मार्कशीट्स की स्कैनिंग करना शुरु कर दिया हैं ।