ऐसे मिडिल आर्डर बैट्समैन, जिन्होने ओपनिंग में मचाया धमाल

दुनिया के फेमस खेलों में से एक क्रिकेट के बारे में शायद ही कोई ऐसा होगा जो नहीं जानता। जब कोई क्रिकेटर अपने करियर की शुरुआत करता है तो वह ज्यादातर अपनी टीम के मिडिल आर्डर से ही करता है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे है उन क्रिकेटर्स के बारे में जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो मिडिल आर्डर से की लेकिन बाद में वे एक शानदार ओपनर बल्लेबाज की भूमिका में अपनी टीम का नेतृत्व करते नजर आए।
सचिन तेंदुलकर
मिडिल आर्डर के ऐसे बल्लेबाज जिन्होंने ओपनिंग बल्लेबाजी करते हुए अपनी सफलता के नए मुकाम को हासिल किया है। तो उन सभी बल्लेबाजो में पहला नाम भारतीय क्रिकेट टीम के इस महान खिलाड़ी और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का आता है। इस महान खिलाड़ी ने अपने करियर की शुरुआत 4 या 5 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए की थी। लेकिन बाद में उन्होंने वनडे क्रिकेट में ओपनर बल्लेबाज के रुप में खेलना शुरु किया।
वीरेन्द्र सहवाग
भारतीय क्रिकेट टीम के तूफानी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने भी अपने करियर की शुरुआत मिडिल आर्डर से ही की थी। लेकिन उन्हें जो सफलता ओपनिंग बल्लेबाजी करने के बाद मिली वो शायद उन्हें कभी मिडिल आर्डर में मिल ही नहीं पाती। वीरु को पहली बार ओपनिंग करने के लिए उस समय टीम के कप्तान रहे पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली ने भेजा था उसके बाद उन्होंने दोबारा कभी मिडिल आर्डर में बल्लेबाजी नहीं की।
रोहित शर्मा
भारतीय क्रिकेट टीम में मिस्टर टैलेंटेड के नाम से फेमस खिलाड़ी रोहित शर्मा का टैलेंट भी ओपनर के तौर पर ही सामने आया। जब उन्हें मिडिल आर्डर में सफलता नहीं मिली तो उन्हें बतौर ओपनर आजमाया गया और यह प्रयोग काम आया। रोहित ने उसके बाद अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत उनका मिस्टर टैलेंटेड नाम बदलकर मिस्टर परफॉर्मर हो गया है।
ब्रैंडन मैकुलम
न्यूजीलैंड की टीम के विकेटकीपर और तूफानी बल्लेबाज रहे ब्रैंडन मैकुलम ने भी अपने करियर की शुरुआत मिडिल आर्डर से ही की थी। बाद में उन्होंने अपनी टीम की तरफ से ओपनिंग करना शुरु किया अपने तूफानी खेल से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।
सनथ जयसूर्या
क्रिकेट जगत के वनडे क्रिकेट में ओपनिंग बल्लेबाजी की परिभाषा बदलने वाले सनथ जयसूर्या अपनी टीम में लोवर आर्डर बल्लेबाज के तौर पर आए थे। लेकिन उनके गेंद को हिट करने की क्षमता से प्रभावित होकर अर्जुन रणतुंगा ने उन्हें वनडे में ओपनिंग करने की जिम्मेदारी दे दी। जयसूर्या को उनकी दी गई यह जिम्मेदारी खूब रास आई और उन्होंने अपने तूफानी खेल के अंदाज से शुरुआती 15 ओवरों में तेज रन बनाने की परंपरा की शुरुआत कर दी।
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