अब आधार बिना नहीं होगा रेल्वे यात्रियों का ये काम
सरकार इस साल रेल बजट में एक बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस साल से सरकार रेल बजट को आम बजट के साथ पेश करेगी। साथ ही रेल्वे में छूट प्राप्त करने के लिए आधार या यूनिक आइडेंटिफिकेशन (आधार) कार्ड को जरूरी बनाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री अरूण जेटली 1 फरवरी को बजट पेश करते समय इसकी घोषणा कर सकते है।
सूत्रों ने बताया कि आधार या यूआईडी जरूरी करने से सरकार को छूटा का फायदा उठाने वालों पर नजर रखने और गड़बड़ियां रोकने में मदद मिलेगी। दरअसल, रेलवे 50 से ज्यादा श्रेणी के यात्रियों को छूट देता है। इनमें बुजुर्ग, विद्यार्थी, शोध छात्र, शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, मरीज, खिलाड़ी, बेरोजगार युवा, अर्जुन पुरस्कार विजेता आदि शामिल हैं। अभी बुजुर्गों को मिल रही छूट में रेलवे इसका पायलट प्रॉजेक्ट चला रहा है।
वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 1,600 करोड़ रुपये के छूट दिए जिसका सबसे बड़ा हिस्सा बुजुर्गों को दी गई छूट में गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब 100 करोड़ आधार कार्ड्स वितरित किए जा चुके हैं। यानी, देश की बड़ी आबादी को आधार नंबर जारी कर दिए गए हैं।
सरकार ने अलग रेलवे बजट पेश करने की 92 सालों की परंपरा खत्म करते हुए इसे आम बजट में ही मिलाने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, जेटली रेलवे के कार्यक्रमों और योजनाओं के लिए अपने बजट दस्तावेज में कुछ पन्ने दे सकते हैं। हालांकि, रेल बजट को भले ही आम बजट में मिला दिया गया है, लेकिन रेलवे की स्वायत्तता बरकरार रखी गई है।
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