दिग्गज बॉलरों को विकेट लेने से रोकता था ये क्रिकेटर
क्रिकेट मे अक्सर ऐसा होता है कि सेंचुरी मारने वाले बैट्समैन को हमेशा याद रखा जाता है। कभी भी 40 या 50 रन बनाने वाले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती। लेकिन आपको बता दे कि कम रन बनाने वाले इन बैट्समैन की भी टीम में अलग ही जगह होती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ओपनिंग बैट्समेन ज्यादा रन नहीं बना पाते है और जल्दी ही आउट होकर चले जाते है।
ऐसे ही कई प्लेयर है इंडियन टीम में जो ज्यादा लाइमलाइट में तो नहीं आए लेकिन इनका योगदान काफी ज्यादा माना जाता है। इन्हीं प्लेयर्स में एक नाम है आकाश चोपड़ा का। आकाश चोपड़ा ज्यादा फेमस क्रिकेटर तो नहीं है लेकिन टेस्ट मैच में उनकी थोड़ी बहुत तारीफे सुनी है। आकाश चोपड़ा का जन्म 19 सितंबर 1़977 को आगरा यूपी में हुआ था। क्रिकेट में इनका डेब्यू 1996 में रणजी ट्राफी में हुआ था।
रणजी ट्राफी और दिलीप ट्राफी में खेलने के बाद आकाश चोपड़ा ने अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया। इंटरनेशनल मैचों में इन्होंने 2003 में दस्तक दी। 2003 में इन्होंनें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेला जिसमें ये वीरेंद्र सहवाग के साथ उतरे थे। अपने शुरूआती करियर में इन्होंने दो हॉफ सेंचुरी न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाई थी। 2004 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इन्होंने वीरेंद्र सहवाग के साथ कमाल की साझेदारी निभाई थी। इसके बाद वे पाकिस्तान दौरे पर गए जहां पर पहले मैच मे तो उन्होंने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया लेकिन दूसरे मैच में वे कोई कमाल नहीं कर पाए।
पाकिस्तान में खराब प्रदर्शन के कारण उनका अंतराष्ट्रीय मैचों में करियर खत्म हो गया। लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका स्थान अभी भी वहीं था। उन्होंने 162 प्रथम श्रेणी मैचों में 10,839 रन बनाए जिसमें 29 शतक शामिल हैं उनका उच्चतम स्कोर 301 रन रहा।
अंतराष्ट्रीय मैच में करियर खत्म होने के बाद आकाश चोपड़ा ने आईपीएल में भी भाग लिया। आकाश चोपड़ा ने आईपीएल-1, 2 में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेला था। इसके बाद आईपीएल4 में उन्होंने राजस्थान रॉयल की तरफ से खेला था।
आकाश चोपड़ा हमेशा ओपनिंग बैट्समेन के रूप में फील्ड पर आते थे। उनका डिफेंस का अंदाज ही उनकी पहचान थी। शुरूआत के ओवर में वे बॉलर्स को विकेट चटकाने का कोई मौका नहीं देते थे। चोपड़ा ने उस समय 36, 27, 48 और 45 के स्कोर बनाकर ब्रेट ली, जैसन गिलेस्पी, ब्रैड विलियम्स, नाथन ब्रैकन और एंडी बिकेल जैसे गेंदबाजों को शुरू में सफलता हासिल नहीं करने देते थे। उनके बेहद रक्षात्मक रवैये के कारण वीरेंद्र सहवाग को अपना नैसर्गिक खेल खेलने का मौका मिला।
साल 2015 में सन्यास लेने के बाद आकाश चोपड़ा इन दिनों वे स्टार र्स्पोट्स पर क्रिकेट कमेंट्री करते नज़र आते है। हिंदुस्तान टाइम्स में उनके कॉलम भी छपते हैं। स्टार र्स्पोटस पर उनका डेली शो ‘स्टार पॉवर’ भी आता है जिसमें वे क्रिकेट एक्सपर्ट की भूमिका निभा रहे है।