युवा ऊर्जा से गूंज उठा इंदौर
- - Advertisement - -
देश और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाह लिए देशभर से तकरीबन दस हजार विद्यार्थी शनिवार को इंदौर के जीएसीसी मैदान में इकट्ठा हुए। आतंकवाद, समाजवाद ,शिक्षा प्रणाली, देश की संस्कृति जैसे मुद्दों पर युवाओं ने खुलकर बात की। बता दें कि शनिवार से देवी अहिल्या की नगरी इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 62 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आगाज हुआ है। यह अधिवेशन अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। इस अधिवेशन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्म विभूषण सोनल मानसिंह ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की।
प्रदर्शनी में हुआ भारत का दर्शन
अधिवेशन में एक प्रर्दशनी का आयोजन भी किया था। प्रदर्शनी के ज़रिए युवाओं को देश के इतिहास, संस्कृति विज्ञान से जोड़ने की कोशिश की गई थी। अधिवेशन में नेपाल से शामिल होने आए ग्रुप का कहना है कि इस प्रदर्शनी ने हमे भारत की सभी खूबियों के बारे में बता दिया।
पीएम मोदी की तारीफ़ में बोले पर्रिकर
हर बार की तरह इस बार भी पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ़ की। दरअसल, पर्रिकर व्यक्ति के कैरेक्टर की बात कर रहे थे। वे कह रहे थे कि यदि व्यक्ति का चरित्र अच्छा होता है तो उस पर कोई भी विश्वास कर सकता है। उनके कहे शब्दों का महत्व होता है।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि उदाहरण हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि, जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। आज उनके कहे पर सभी को भरोसा है। इसीलिए नोटबंदी के फ़ैसले के बाद भी पूरा देश उनका समर्थन कर रहा है।
पॉलिसी बदलती है, प्रिंसिपल नहीं
पर्रिकर ने अपना वर्ष 1995 का अनुभव साझा किया। पर्रिकर के मुताबिक ,उस समय एक लड़की ने उनसे पॉलिटिक्स से संबंधित सवाल किया था। उस लड़की ने पर्रिकर से पूछा था कि, ”आज कि पॉलिटिक्स देखकर लगता है, do you feel , honesty is the best policy?” इस पर पर्रिकर ने तुरन्त कहा- नो। अपनी बात समझाने के लिए उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उस समय वहां पर मौजूद लोगों के हाव-भाव ठीक वैसे ही थे जैसे 1000 के नोट बंद होने पर लोगों के हुए थे। बहरहाल, पर्रिकर ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि, ”honesty कोई policy है मेरे हिसाब से यह एक प्रिंसिपल है।” पर्रिकर ने आगे कहा, ”policy can be changed but principle can not be changed.”
360 डिग्री के एंगल से प्रोग्राम को किया कवर
इस अधिवेशन की ख़ास बात यह थी कि इस प्रोग्राम को ड्रोन कैमरे से कवर किया जा रहा है। इसके साथ इस अधिवेशन के लिए मोबाइल एप बनाए गए है।
विश्वजीत के नाम रहा साल 2016 का ये पुरस्कार
साल 2016 के प्रा यशवंत केलकर युवा पुरस्कार के लिए मणिपुर के युवा और सामाजिक कार्यकर्ता आर के विश्वजीत सिंह को चुना गया। बता दें कि सिंह लम्बे समय से युवाओं को नशामुक्त बनने के लिए काम कर रहे हैं।
- - Advertisement - -