नोटबंदी और विपक्ष के बयानों के बाद ऐसी बनी पीएम की छवि
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नोटबंदी के बाद से ही विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है। विपक्ष लगातार पीएम मोदी की छवि को ख़राब करने के लिए बयानबाजी कर रहा है। कुछ विपक्ष पार्टियां नोटबंदी को जल्दबाजी में लिया गया फ़ैसला बता रही है तो कुछ पार्टियों का कहना है कि पीएम मोदी ने निजी हित के चलते यह फ़ैसला लिया है। बहरहाल, इसी बीच एक सर्वे किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस सर्वे के रिजल्ट से नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी की छवि का आंकलन किया जा सकता है। सर्वे के मुताबिक, विपक्ष के इतने हमले के बाद भी पीएम मोदी की छवि को ज़्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। बल्कि लोगों की नज़र में मोदी की छवि एक मजबूत प्रधानमंत्री के तौर पर बनी है। नोटबंदी के फ़ैसले के बाद कैश की किल्लत महसुस कर रही जनता ने पीएम पर भरोसा जताया है।
सी- वोटर के इस सर्वे के मुताबिक, 82.7 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम मोदी पर लगे आरोप आधारहीन है। वहीं महज़ 17.3 प्रतिशत लोगों ने इन आरोप को गम्भीर माना है। बता दें कि इस सर्वे में शहरी, अर्द्ध- शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों के निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग और उच्च आय वर्ग के अलग-अलग उम्र के लोगों से राय ली गई है।
राहुल V/S मोदी
नोटबंदी के बाद से यूं तो लगभग सभी विपक्ष पार्टियों ने मोदी पर तंज कसा। लेकिन मोदी पर सबसे ज़्यादा हमला बोलने के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी को पीछे छोड़ दिया। बीते कुछ दिनों में ही राहुल ने मोदी पर कई गम्भीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को ही राहुल ने मोदी के गढ़ गुजरात के मेहसाणा की रैली में मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होनें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर सहारा और बिड़ला से पैसे लिए। राहुल के मुताबिक, इस बात के सबूत इनकम टैक्स पास भी हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि सहारा ने छापे के बाद 6 महीने में 9 बार पीएम मोदी को पैसे दिए हैं।
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