पुराने नोटों को बिछाएं तो बन सकता है चांद तक का रास्ता
सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले का आज 17 वां दिन है। अभी भी देशभर में कैश की किल्लत बरकरार है। निश्चित तौर पर आपको भी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के कारण थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा होगा। वैसे, कैश की किल्लत को थोड़ा सा दरकिनार रख क्या आपने कभी सोचा है कि सरकार इतने सारे पुराने नोटों का क्या करेगी ?
-कुछ जानकार इस पर विचार-विमर्श है कि सरकार इन पैसों का क्या कर सकती है। इसी बीच एक चौंका देने वाली बात सामने आई है। दरअसल, एक इंटरनेशनल न्यूज़ एजेन्सी ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 30 दिसम्बर तक सरकार के पास 23 अरब के पुराने नोट जमा हो जाएंगे। यह संख्या इतनी बड़ी है कि यदि इन नोटों को बिछाकर रास्ता बनाया जाए तो चांद तक आने-जाने का रास्ता 5 बार बनाया जा सकता है।
-इतना ही नहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि यदि 500 और 1000 रुपए के नोटों को एक के ऊपर एक रखा जाए तो इनकी ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से 300 गुना ज़्यादा होगी। बता दें कि धरती से चांद की 84 हजार 400 किमी है वहीं माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर है। पुराने नोटों को एक दूसरे पर जमाने के बाद उनकी ऊंचाई 26 लाख 54 हजार मीटर हो जाएगी जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से 300 गुना ज़्यादा है।
RBI के सामने है बड़ी चुनौती
अब तो आपको अंदाजा हो ही गया होगा कि इतनी संख्या में पुराने नोटों को नष्ट करना आरबीआई के लिए कितनी बढ़ी चुनौती है। वैसे, चलिए आपको यह भी बता देते हैं कि आरबीआई इतने सारे का क्या करेगी। आरबीआई के कुछ जिम्मेदार लोग इसके लिए प्लानिंग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन नोटों को ब्रिकेट में बदल दिया जाएगा। (बड़े उद्योगों में कोयले की जगह ब्रिकेट जलाने के काम में आता है।) इसका मतलब यह है कि अब वो दिन ज़्यादा दूर नहीं है जब 1000 और 500 के ये पुराने नोट फैक्ट्रियों में जलाए जा रहे होंगे। सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा आरबीआई इन पुराने नोटों का इस्तेमाल पेपरवेट, कार्डबोर्ड और में भी कर सकती है।
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