काला धन बैंक में जमा किया तो इस तरह होगी कार्यवाही
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500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को बंद करने से ऐसे लोगों को बड़ा झटका लगा है जिनके पास काला धन मौजूद है। अब अगर वे बैंक में इस पैसे को जमा करवाने जाएंगे तो उनको भारी जुर्माना भरना पड़ेगा और आयकर कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तो आइए जानते हैं काले धन के जमाखोरों पर किस तरह होगी कार्यवाही।
केस नंबर 1 – काला धन जमा करने वाले लोग
500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद होने से ऐसे लोग अपना पैसा बैंक में जमा करने को मजबूर होंगे। इसके लिए उनको बैंक अधिकारियों को अपना पैन और अन्य विवरण देना होगा। इससे वे लोग आयकर विभाग की नजर में आ जाएंगे। उनसे आयकर विभाग नोटिस जारी करके बैंक में जमा पैसे का स्रोत बताने के लिए कहेगा। वैसे 2.5 लाख रुपये तक जमा करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे ज्यादा जमा करने पर टैक्स भी लगेगा और घोषित स्रोत से आय मैच नहीं होने पर 200 फीसदी जुर्माना लगेगा।
सेक्शन 142 (1) के तहत नोटिस
इस नोटिस के जारी होने के बाद उन लोगों को एक निश्चित अवधि के अंदर अपना आईटीआर जमा करना होगा। यह अवधि आम तौर पर 15 दिनों की होती है। असेसिंग ऑफिसर (एओ) उनसे अपनी बुक्स ऑफ अकाउंट, अन्य दस्तावेज और सूचना जमा करने को कहेंगे। एओ के पास यह पावर भी है कि वह आपसे अपनी निजी संपत्तियों और बैंक खातों का विवरण मांगे। इस नोटिस में मौजूदा फाइनेन्शल ईयर से 3 साल पहले तक की सूचना मांगी जा सकती है। आमतौर पर यह नोटिस सेक्शन 144, 148 या 153 ए के तहत एक नोटिस के साथ आएगी।
सेक्शन 142(1) के तहत जारी होने वाले नोटिस का पालन नहीं करने पर क्या होगा?
अगर आप इस नोटिस का पालन नहीं करते हैं और एओ को मांगी गई जानकारी मुहैया नहीं कराते हैं तो वह आपकी आय का असेसमेंट करेगा और अपने हिसाब से टैक्स व जुर्माना लगा सकता है। इसके अलावा नोटिस का पालन नहीं करने पर प्रतिदिन न्यूनतम 4 रुपये और अधिकतम 10 रुपये का जुर्माना लग सकता है और 1 साल तक की जेल भी हो सकती है। नोटिस का पालन नहीं करने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना अलग लगेगा। अगर एओ को नोटिस का पालन नहीं करने का वाजिब कारण बताकर संतुष्ट कर देते हैं तो आप पर यह जुर्माना नहीं लगेगा।
सेक्शन 148 के तहत नोटिस
इस सेक्शन के तहत नोटिस जारी होने की स्थिति में एओ के पास काफी पावर होती है। एओ पिछले 6 फाइनेन्शल सालों के लिए आपका असेसमेंट खोल सकता है यानी वह आपसे पिछले 6 सालों तक की आय का स्रोत पूछ सकता है, आय से संबंधित सबूत दिखाने को कह सकता है। इसके बाद आपको सेक्शन 156 के तहत नोटिस जारी करके ब्याज और जुर्माने समेत देय टैक्स की राशि जमा करने को कहा जाएगा।
सेक्शन 153ए के तहत असेसमेंट यानी इनकम टैक्स छापा
आपकी अघोषित आय का पता लगाने के बाद टैक्स डिपार्टमेंट्स आपके घर, दुकानों और अन्य जगहों पर छापा मारकर आपकी अन्य संपत्तियों जैसे गोल्ड, प्रॉपर्टी पेपर्स, बेनामी ट्रांजैक्शन वगैरह की खोज कर सकता है। इस स्थिति में आपको कोई अडवांस नोटिस नहीं मिलेगा।
केस नंबर 2 -फाइल की गई रिटर्न में पूरी आय का खुलासा नहीं करने पर
कुछ लोग अपनी वास्तविक आय का खुलासा नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सेक्शन 143 (2) के अलावा सेक्शन 148 और 153 ए के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
सेक्शन 143(2) के तहत नोटिस
आपको 143(2) के तहत नोटिस मिलने का मतलब है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आपकी आय की जांच शुरू कर दी है। आपको अपने आईटीआर में घोषित आय का साक्ष्य देने को कहा जाएगा। फाइनेन्शल इयर 2015-16 के लिए 30.09.2017 तक नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस में एओ पिछले किसी भी साल की बुक्स और अकाउंट्स माग सकता है। इसके बाद 143(3) के तहत असेसमेंट ऑर्डर जारी किया जाएगा। साथ में अतिरिक्त टैक्स, उस पर ब्याज और जुर्माना भरने के लिए एक नोटिस जारी किया जाएगा।
Source : NBT
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