हवा से पानी बनाकर अफ्रीका में वरदान बना ये टॉवर
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अफ्रीका को अंधा महाद्वीप कहा जाता है यहां पर पानी की काफी कमी है। लेकिन अब ये पानी की कमी दूर हो सकती हैं। यहां अब आर्किटेक्चर एंड विजन की टीम ने एक ऐसा टॉवर लगाया है जो हवा से पानी का निर्माण करता हैं। यहां पर पानी की कमी को ध्यान में रखकर बनाया गया ये टॉवर यहां के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है और आसपास के इलाके के लोग भी इसे बनाना सीख रहे है। इन्होंने बांस और बायॉडिग्रेडबल प्लास्टिक की मदद से एक टावर बनाया है और इसको नाम दिया है वोका टावर।
सिंपल टेक्नीक का उदाहरण
इस टावर के पीछे की तकनीक बहुत सिंपल है। यह टावर हवा में मौजूद नमी को संघनित करके उसे द्रव में तब्दील कर देता है और फिर यह द्रव (पानी) एक खास तरह के बर्तन में एकत्र होता है। इस टावर को चलाने के लिए बिजली की भी जरूरत नहीं है। यह सारी प्रक्रिया इसकी विशिष्ट संरचना के जरिए ही पूरी होती है। 33 फीट ऊंचा और 13 फीट के दायरे में स्थापित यह टावर प्रतिदिन 26 गैलन (करीब 100 लीटर) पानी जमा कर लेता है। अफ्रीका में सूखा प्रभावित जगहों पर रह रहे लोगों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
वास्तु आधारित टॉवर
इस टावर का शेप ईथियोपिया में उगने वाले पेड़ ’वोका’ के आकार से ही मिलता-जुलता है, जो कि संस्कृति, विज्ञान और पारिस्थितिकी का प्रतीक है। इस टावर को बनाने का तरीका इतना आसान है कि बिना किसी स्पेशल ट्रेनिंग के 4 लोग इसे आराम से बना लेते हैं। इस टावर का वजन 132 पाउंड (करीब 60 किलो) है।
इस तरह के और टावर तैयार करने के लिए पैसा जुटाया जा रहा है। पर्यावरण विज्ञानियों की योजना है कि हर टावर के पास एक वोका पेड़ भी लगाया जाए। इस पेड़ को इसी टावर से नमी मिलेगी और उसके बाद जब यह पेड़ बड़ा हो जाएगा तो यह खुद ही पानी के उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करेगा।
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