11 साल बाद आया दिल्ली ब्लास्ट का फैसला
12 साल पहले देश की राजधानी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में गुरुवार को अदालत का आया फैसला। अदालत ने बम ब्लास्ट की सुनवाई करते हुए एक आरोपी को दोषी करार दिया और दो आरोपीयों को बरी कर दिया है। बता दें कि, दिवाली से एक दिन पहले हुए तीन धमाकों में 62 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 210 लोग घायल हुए थे। गौरतलब है कि, पहले इस का फैसला 13 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अब इसे 16 फरवरी को सुनाया गया।
देश की राजधानी दिल्ली में 2005 को धनतेरस के दिन हुए सीरियल ब्लास्ट केस में दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने इस मामले में तारिक अहम डार को इन ब्लास्ट में फडिंग का आरोपी मानते हुए सजा सुनाई। वहीं मोहम्मद हुसैन फाजिली और मोहम्मद रफीक शाह को बरी कर दिया। सरोजनी नगर और पहाड़गंज इलाकों में हुए इन धमाकों में 210 लोग घायल भी हुए थे। इस आतंकवादी हमले में 63 व्यक्तियों की मौत हुई थी।
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देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का था आरोप
अदालत ने 2008 में मामले के आरोपी मास्टरमाइंड डार और अन्य दो के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने, हथियार जुटाने, हत्या तथा हत्या के प्रयास के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने डार के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। चार्जशीट में उसके कॉल डिटेल का जिक्र किया गया, जिससे कथित तौर पर यह साबित हुआ कि वह लश्कर-ए-तैयबा के अपने आकाओं के संपर्क में था। पुलिस ने अक्टूबर 2005 में तीन जगहों- सरोजिनी नगर, कालकाजी और पहाड़गंज में हुए विस्फोटों के सिलसिले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं।